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Gangasagar: रसोई ‘पे अस यू कैन’ के तहत पर्यटकों को पूरे साल भोजन सेवा प्रदान करेगी यह रसोई

गंगासागर में श्रद्धालुओं के भोजन को तैयार इस्कॉन रसोई ‘पे अस यू कैन’ के तहत पर्यटकों को पूरे साल भोजन सेवा प्रदान करेगी यह रसोई

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 28 Dec 2019 01:52 PM (IST)Updated: Sat, 28 Dec 2019 01:52 PM (IST)
Gangasagar: रसोई ‘पे अस यू कैन’ के तहत पर्यटकों को पूरे साल भोजन सेवा प्रदान करेगी यह रसोई
Gangasagar: रसोई ‘पे अस यू कैन’ के तहत पर्यटकों को पूरे साल भोजन सेवा प्रदान करेगी यह रसोई

कोलकाता, जागरण संवाददाता। कहा जाता है कि एक बार गंगासागर में डुबकी लगाने मात्र से श्रद्धालु को दस अश्वमेध यज्ञ व एक हजार गाय दान करने के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है और यही वजह है कि मकर संक्रांति के मौके पर हर साल देश-दुनिया से लाखों श्रद्धालु गंगासागर में पवित्र डुबकी लगाने को यहां आते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस द्वीप क्षेत्र को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने को कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, ताकि क्षेत्र के विकास के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके।

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इधर, मुख्यमंत्री की सोच व उम्मीद को अधिक मजबूती प्रदान करने को सामने आई अंतरराष्ट्रीय भावनामृत संघ इस्कॉन ने सागर द्वीप क्षेत्र में विशाल अर्ध यंत्रीकृत व अत्याधुनिक रसोई का निर्माण किया है, जहां मेले से पहले ही लोगों के भोजन की व्यवस्था शुरू की जाएगी। इस्कॉन मुख्यायल मायापुर के मीडिया प्रवक्ता सुब्रत दास ने बताया कि मेले के दौरान प्रतिदिन यहां करीब दस हजार श्रद्धालुओं को शुद्ध व स्वादिष्ट भोजन परोसने की व्यवस्था होगी।

उन्होंने कहा कि यह सेवा केवल मेले तक के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे साल भर जारी रखने को हम सक्रिय हैं और उम्मीद है कि हमारी यह पहल आगे कारगर साबित होगी। प्रवक्ता ने कहा कि इस्कॉन भक्तों की बरसों से इच्छा रही है कि वे साल भर यहां आने वाले तीर्थयात्रियों को शुद्ध व सात्विक भोजन करवा सके। इसके साथ ही धर्म ग्रंथों में भी इस बात का जिक्र है कि कोई भी तीर्थ बिना प्रसाद के पूर्ण नहीं होती है।

वहीं इस्कॉन गंगासागर प्रोजेक्ट के प्रबंधक सुंदर गोविंद दास ने बताया कि अन्नामृत थाली के नाम से परोसे जाने वाली इस थाली में चावल-दाल, रोटी-सब्जी के साथ ही अचार और मिठाई दी जाएगी और यह सेवा सुबह आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक जारी रहेगी। इतना ही नहीं भोजन (प्रसाद) बनाने के तरीकों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि सीधे आंच के बजाय भाप से यहां प्रसाद बनाने की व्यवस्था की गई है। रसोई की विशेषता पर उन्होंने कहा कि यहां 304 ग्रेड की सर्वोच्च स्टील क्वालिटी के बर्तन का इस्तेमाल किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पिछले 15 सालों से मेले के दौरान हम लाखों श्रद्धालुओं को नि:शुल्क भोजन व चिकित्सा सेवा उपलब्ध करवाते आए हैं, लेकिन अब यहां स्थायी रसोई के निर्माण से प्रतिदिन दस हजार से अधिक श्रद्धालुओं को भोजन करवाने में सक्षम होंगे। मेले के इतर पूरे साल भर यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए हम ‘पे अस यू कैन’ के तहत भोजन सेवा जारी रखेंगे। साथ ही यह रसोई सभी धर्म-जाति के लोगों के लिए होगी। दास ने कहा कि राज्य सरकार को भी इस रसोई की जानकारी दी गई है व कहा गया है कि अगर उन्हें उचित जान पड़े तो इस रसोई को सागर द्वीप क्षेत्र में मिड-डे मील के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। 


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