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कोरोना के चलते इस बार घरों में ही लोग मनाएंगे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, नहीं होगा कोई कार्यक्रम

साल 2015 से 21 जून को पूरे देश में बड़े धूमधाम से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया जाता रहा है लेकिन कोरोना संकट के चलते इस बार इस पर भी ग्रहण लग गया है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 06:44 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 06:44 PM (IST)
कोरोना के चलते इस बार घरों में ही लोग मनाएंगे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, नहीं होगा कोई कार्यक्रम
कोरोना के चलते इस बार घरों में ही लोग मनाएंगे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, नहीं होगा कोई कार्यक्रम

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : साल 2015 से 21 जून को पूरे देश में बड़े धूमधाम से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया जाता रहा है लेकिन कोरोना संकट के चलते इस बार इस पर भी ग्रहण लग गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बार लोगों से अपने परिवार के साथ घरों में ही योग दिवस मनाने की अपील की है ऐसे में कोलकाता सहित राज्य के विभिन्न शहरों में इस बार योग दिवसीय पर कोई बड़ा आयोजन नहीं होगा। सेना, बीएसएफ व अन्य अर्धसैनिक बलों की ओर से भी इस बार योग दिवस पर कोई आयोजन नहीं होगा।

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कोलकाता में बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोरोना के चलते केंद्र सरकार के दिशा निर्देशानुसार रविवार को हमारे सभी जवान व अधिकारी भी अपने परिवार के साथ घरों में ही योगाभ्यास करेंगे। इस बार सामूहिक योगाभ्यास करने का कोई कार्यक्रम नहीं होगा। वहीं, पूर्व रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे, मेट्रो रेलवे व केंद्र सरकार के अन्य विभागों की ओर से भी इस बार कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा। इधर, राज्य सरकार की ओर से भी इस दिन कोई कार्यक्रम नहीं होगा। पहले हर साल कोलकाता में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कोई न कोई केंद्रीय मंत्री भी समारोह में शिरकत करने आते थे, लेकिन इस बार कोई नहीं आ रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि योग को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अहम भूमिका रही है। उन्हीं के प्रयास से संयुक्त राष्ट्र संघ ने योग को वैश्विक मान्यता दी तथा 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया। इसके बाद साल 2015 से पूरा विश्व योग दिवस मना रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ के 193 सदस्य देशों ने जाति, मजहब, धर्म, भाषा, क्षेत्र के होते हुए बिना किसी पूर्वाग्रह के भारत की इस प्राचीन विधा को स्वीकार किया।


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