International Womens Day 2021: बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
International Womens Day 2021 कोलकोता में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यहां आयोजित कार्यक्रमों में सीमा पर डटे बीएसएफ के जवानों व अधिकारियों की पत्नियों ने हिस्सा लिया तथा बीएसएफ के विधवा महिलाओं को पुरस्कार से भी नवाजा गया।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। हर साल आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में विश्व स्तर पर मनाया जाता है। यह दिन जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने का दिन है। इस वर्ष अभियान का विषय (थीम) चूज टू चैलेंज है, जो सभी वैश्विक नागरिकों को उन चुनौतियों से अवगत कराना चाहता है जो अभी भी महिलाओं के सामने हैं। यह महिलाओं की महान उपलब्धियों और उनके द्वारा दुनिया के लिए किए गए सार्थक योगदान ओं का जश्न मनाने का एक अवसर है।
इसी क्रम में महिलाओं को सर्वोच्च स्थान पर रखते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अंतर्गत सेक्टर कृष्णानगर और कोलकोता में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यहां आयोजित कार्यक्रमों में सीमा पर डटे बीएसएफ के जवानों व अधिकारियों की पत्नियों ने हिस्सा लिया तथा बीएसएफ के विधवा महिलाओं को पुरस्कार से भी नवाजा गया। इस खास अवसर पर दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से जारी एक बयान में बताया कि बीएसएफ ने अपने अधिकार क्षेत्र में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए खास यूनिटों को तैनात किया है।
बीएसएफ ने सीमा पर हो रही मानव तस्करी से महिलाओं को बचाने के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को तैनात किया हैं जो लगातार महिलाओं की तस्करी तथा उनके अधिकारों के हनन को रोकने में लगी हुई है। इससे पहले भी साउथ फ्रंटियर ने सीमा पर अपराधों को देखते हुए हेल्पलाइन नंबर -153 शुरू किया था। बीएसएफ ने यह भी बताया की अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए खासकर बांग्लादेश की गरीब व भोली-भाली महिलाओं को मानव तस्करी में शामिल दलाल पैसे तथा नौकरी का लालच देकर अवैध रूप से सीमा पार करबा कर भारत में लाते हैं। इसके बाद यहां उनके अधिकारों के साथ खिलवाड़ कर उन्हें देह व्यापार की दलदल में धकेल देते हैं और जोर जबरदस्ती उनसे यह अवैध काम करवाया जाता है। एक बार इस दलदल में फंसने के बाद इन महिलाओं का जीवन बर्बाद हो जाता है।
वहीं, महिलाओं की स्थिति को अच्छे से समझने और उन्हें मानव तस्करी का शिकार होने से बचाने के लिए बीएसएफ ने पहली बार भारत-बांग्लादेश सीमा पर हाल में करीब एक दर्जन एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट तैनात की है, जिनमें अधिकतर बीएसएफ की महिला जवानों को शामिल किया गया है।यह एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट उन संवेदनशील स्थानों पर तैनात की गई है जहां से होकर सबसे ज्यादा मानव तस्करी की घटनाएं होती रही है। खास बात है कि इनमें सबसे ज्यादा यूनिट दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, कोलकाता के अंतर्गत ही तैनात की गई है।