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West Bengal :इंद्रदीप ने लॉकडाउन में स्वर-समूह का गहराई से अध्ययन कर दो नए रागों 'गणपति' और 'इंद्रधनुष' की 'सृष्टि की

इंद्रदीप ने लॉकडाउन में रच दिए दो नए राग ढाई महीने भारतीय शास्त्रीय संगीत का गहराई से अध्ययन कर की गणपति और इंद्रधनुष की सृष्टि।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 02:45 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 02:48 PM (IST)
West Bengal :इंद्रदीप ने लॉकडाउन में स्वर-समूह का गहराई से अध्ययन कर दो नए रागों 'गणपति' और 'इंद्रधनुष' की 'सृष्टि की
West Bengal :इंद्रदीप ने लॉकडाउन में स्वर-समूह का गहराई से अध्ययन कर दो नए रागों 'गणपति' और 'इंद्रधनुष' की 'सृष्टि की

कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। वे सात समंदर पार अमेरिका से कोलकाता आए थे अपने माता-पिता से मिलने। लॉकडाउन के कारण लौट नहीं पाए और फिर 'सिटी ऑफ ज्वाय' में बैठकर रच दिए दो नए राग, जो भारतीय शास्त्रीय संगीत को नया आयाम प्रदान कर रहे हैं। ये हैं इंद्रदीप घोष।

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अमेरिका के ह्यूस्टन सिटी में स्थित ग्लोबल क्रिएटिव आर्ट्स एकेडमी में आर्टिस्टिक डायरेक्टर इंद्रदीप ने बताया-'मैं हर साल दिसंबर में अपने माता-पिता से मिलने कोलकाता आता हूं और मार्च तक यहीं रहता हूं। इस बार कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन शुरू हो जाने से मैं ह्यूस्टन लौट नहीं पाया। मैंने लॉकडाउन में भारतीय शास्त्रीय संगीत को लेकर कुछ नया करने के बारे में सोचा और इसके स्वर-समूह का गहराई से अध्ययन कर दो नए रागों 'गणपति' और 'इंद्रधनुष' की 'सृष्टि की।

भारतीय शास्त्रीय संगीत में 'सरस्वती' राग तो है लेकिन गणेश पर कोई राग नहीं था। इसी तरह 'इंद्रधनुष' भी बिल्कुल अलग तरह का राग है, जिसमें मल्हार, कल्याण और कानारा रागों का पुट है। नए रागों की रचना करने में मुझे करीब ढाई महीने का समय लगा।' छह साल की छोटी सी उम्र में संगीत की तालीम हासिल करने वाले इंद्रदीप ने आगे कहा-'संगीत सुकून प्रदान करता है। मुझे विश्वास है कि कोरोना महामारी के बाद सामान्य जनजीवन को पटरी में लाने में संगीत बहुत मददगार साबित होगा।'

38 साल के इंद्रदीप ने लॉकडाउन के दौरान एक यूरोपीय संस्था की ओर से आयोजित किए गए ऑनलाइन म्यूजिकल वर्कशॉप का भी संचालन किया था और उसी संस्था के लिए जुलाई -अगस्त महीने में एक और ऑनलाइन म्यूजिकल वर्कशॉप का संचालन करेंगे, जो 30 घंटे चलेगा। हाल में इंटरनेशनल कमीशन ऑफ डिप्लोमेटिक रिलेशंस ह्यूमन राइट्स एंड पीस की ओर से दक्षिण एशिया के लिए कौंसुल और चांसलर जनरल नियुक्त किए गए इंद्रदीप ने कहा-'इस नई भूमिका के जरिए मैं दक्षिण एशियाई देशों की संस्कृति को और समृद्ध करने का प्रयास करूंगा।'

जब ह्यूस्टन में मना था इंद्रदीप घोष डे

इंद्रदीप की संगीत विधा का पूरा ह्यूस्टन सिटी कायल है। संगीत जगत में उनके योगदान को मान्यता प्रदान करते हुए ह्यूस्टन सिटी में 15 अक्टूबर, 2017 को 'इंद्रदीप घोष डे' के रूप में मनाया गया था। एक भारतीय के सम्मान में अमेरिकी शहर में यह बहुत बड़ा आयोजन था। इंद्रदीप को वायलिन बजाने में महारत हासिल है। 2018 में एसोसिएशन ऑफ एलायंस क्लब्स इंटरनेशनल की ओर से उन्हें 'प्रिंस ऑफ वायलिन' के खिताब से नवाजा जा चुका है।

इंद्रदीप फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, ऑस्ट्रिया, स्वीट्जरलैंड, लक्जमबर्ग,डेनमार्क, क्रोएशिया नीदरलैंड, बेल्जियम समेत विभिन्न देशों के प्रतिष्ठित संगीत महोत्सव में परफॉर्म कर चुके हैं। 


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