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Indo-Bangladesh Border : बांग्लादेश से लौट रही खाली मालगाड़ी से बीएसएफ ने फिर दो घुसपैठिए को पकड़ा

Indo-Bangladesh Border बीएसएफ ने फिर बांग्लादेश से खाली लौट रही मालगाड़ी में छिपकर आ रहे दो घुसपैठियों को पकड़ा है। पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिकों में एक 85 वर्षीय बुजुर्ग भी है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 06:38 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 06:38 PM (IST)
Indo-Bangladesh Border : बांग्लादेश से लौट रही खाली मालगाड़ी से बीएसएफ ने फिर दो घुसपैठिए को पकड़ा
Indo-Bangladesh Border : बांग्लादेश से लौट रही खाली मालगाड़ी से बीएसएफ ने फिर दो घुसपैठिए को पकड़ा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने एक बार फिर बांग्लादेश से खाली लौट रही मालगाड़ी में छिपकर आ रहे दो घुसपैठियों को पकड़ा है। बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित पेट्रापोल चेकपोस्ट के पास मालगाड़ी की नियमित तलाशी के दौरान बीएसएफ के गश्ती दल ने सोमवार को दोनों बांग्लादेशी घुसपैठिए को पकड़ा। इनमें एक 85 वर्षीय बुजुर्ग है जो मालगाड़ी के पहिये के पास खुद को बेहद खतरनाक तरीके से छिपा रखा था। 

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जीरो पॉइंट पर 179वीं बटालियन के जवानों द्वारा नियमित जांच की जा रही थी 

बीएसएफ की ओर से एक बयान में बताया गया कि 31 अगस्त को लगभग 1:45 बजे बांग्लादेश से आई मालगाड़ी की पेट्रापोल एकीकृत जांच चौकी के निकट जीरो पॉइंट पर जब 179वीं बटालियन के जवानों द्वारा नियमित सुरक्षा जांच की जा रही थी तभी मालगाड़ी के खाली बैगन तथा बैगन के नीचे वाली जगह में छुपकर बैठे दो संदिग्ध लोगों को देखा गया।ये दोनों भारतीय सीमा में प्रवेश करने के उद्देश्य से‌ छिप कर आ रहे थे। बीएसएफ ने तुरंत दोनों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ करने पर एक ने अपना नाम कालीपाड़ा मिस्त्री (85), ग्राम- चचरा, जिला व थाना यशोर, बांग्लादेश बताया। दूसरे व्यक्ति का नाम समसूल हक (40) है। वह बांग्लादेश के नारायणगंज जिले का रहने वाला है। 

बहुत ही खतरनाक तरीके से मालगाड़ी के चक्के के पास छुप कर बैठा था बुजुर्ग 

प्रारंभिक पूछताछ के दौरान 85 वर्षीय बुजुर्ग कालीपाड़ा ने बताया कि वह भिखारी का काम कर के अपना जीवन यापन करता है।    उसने कहा कि उसके दो बेटे बांग्लादेश में रहते हैं तथा उसकी पत्नी और एक बेटा बंगाल के बर्धमान में रहता हैं। वह अपने परिवार से मिलने के उद्देश्य से भारत आ रहा था। एक अज्ञात बंगलादेशी दलाल की मदद से भारत में प्रवेश करने के लिए बांग्लादेश के बेनापोल रेलवे स्टेशन पर वह मालगाड़ी के अंदर छिप गया था। इस काम के लिए उसने दलाल को 200 बांग्लादेशी टाका दिए थे। बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि यह बुजुर्ग बहुत ही खतरनाक तरीके से मालगाड़ी के चक्के के पास अपने आप को छिपाया हुआ था जो कि बेहद जानलेवा हो सकता था। 

भारत में अवैध तरीके से घुसने के लिए खाली ट्रेन में छुप गया था समसूल हक़

वहीं दूसरा व्यक्ति समसूल हक़ ने बताया कि भारत में अवैध तरीके से घुसने के उद्देश्य से वह खाली ट्रेन में छुप गया था ताकि वह कोलकाता जा सके। यह व्यक्ति कोलकाता में रिक्शा चलाने का कार्य करता था। समसूल ने यह भी बताया कि वह लगभग 15 साल पहले भी आइसीपी पेट्रापोल गेट से एक अन्जान व्यक्ति के साथ भारत में आया था तथा कोलकाता, अजमेर तथा अन्य भारतीय शहरों में गया था। इस दौरान उसे दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार भी किया गया था लेकिन बाद में उसे वापस बांग्लादेश पुलिस को सौंप दिया था। बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए गिरफ्तार बंगलदेशी नागरिकों को बनगांव जीआरपी के हवाले कर दिया है। 

कमांडिंग ऑफिसर अरुण कुमार ने कहा कि सतर्कता के कारण ही संभव हो सका

इधर, 179वीं बटालियन,  बीएसएफ के कमांडिंग ऑफिसर, अरुण कुमार ने कहा कि मालगाड़ी से यह गिरफ्तारी ड्यूटी पर मौजूद उनके जवानों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता के कारण ही संभव हो सका है।  

पिछले अढाई महीने में आठ से ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठिए मालगाड़ी से पकड़ाए

बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआइजी व वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि 20 जून से अब तक 7 घटनाओं में बीएसएफ के जवानों ने कम से कम 8 से ज्यादा बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है जब वे सीमा पार से आ रही मालगाड़ी में छिपकर अवैध रूप से सफर कर रहे थे। इनमें दो तो 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे थे जिनको मानव तस्करी के दलालों ने बाल श्रम के उद्देश्य से मालगाड़ी की बोगी मे छिपाकर भारत भेजा था लेकिन यह पकड़े गए।


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