भारतीय फुटबॉल में कायम रही कोलकाता की बादशाहत
विश्वकप के मैचों में युवाभारती में जितनी भीड़ जुटी, उतनी देश के किसी और स्टेडियम में देखने को नहीं मिली।
कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। भारतीय फुटबॉल में कोलकाता की बादशाहत विदाई की ओर बढ़ रहे वर्ष 2017 में भी कायम रही। फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था फीफा ने भी निर्विवाद इस बात को कबूल किया। कोलकाता ने विवेकानंद युवाभारती क्रीड़ांगन में इस साल अक्टूबर में फीफा अंडर-17 फुटबॉल विश्वकप के कई लीग मैचों के साथ-साथ क्वार्टरफाइनल, सेमीफाइनल और ग्रैंड फिनाले का सफलतापूर्वक आयोजन कर पूरी दुनिया को दिखा दिया कि उसे 'भारतीय फुटबॉल का मक्का' क्यों कहा जाता है।
गुवाहाटी का इंदिरा गांधी एथलेटिक स्टेडियम बारिश के कारण जब ब्राजील-इंग्लैंड में 25 अक्टूबर को पहले सेमीफाइनल का आयोजन करने में असमर्थ हो गया तो फीफा ने युवाभारती पर ही भरोसा जताया, जिस पर वह पूरी तरह खरा उतरा। इस स्टेडियम में मौजूद सुविधाएं देखकर इंग्लैंड व ब्राजील की टीमों ने भी यहीं खेलने की मांग कर डाली थी। विश्वकप के मैचों में युवाभारती में जितनी भीड़ जुटी, उतनी देश के किसी और स्टेडियम में देखने को नहीं मिली। इससे फुटबॉल के प्रति कोलकातावासियों का जुनून एक बार फिर जगजाहिर हो गया।
यहां खेलने आई हरेक टीम कोलकाता की फुटबाल के प्रति दीवानगी देखकर अचंभित हुई। साल के आखिरी महीने अर्जेंटीना के महान फुटबालर डिएगो मैराडोना कोलकाता पहुंचे। 2008, दिसंबर के बाद मैराडोना का ये दूसरा भारत दौरा था। दोनों बार उनका कोलकाता को चुनना दर्शाता है कि वे इस शहर की फुटबॉल के प्रति दीवानगी से कितने प्रभावित हैं। उनके बयान में भी ये सामने आया। उन्होंने कोलकाता के फुटबाल के प्रति जुनून एवं यहां मौजूद आधारभूत संरचना की जमकर तारीफ की।