चलती टैक्सी में समाई कहानियों की दुनिया, टैक्सी के डैशबोर्ड को बना दिया है बुकशेल्फ
टैक्सी चालक धनंजय चक्रवर्ती अपनी टैक्सी की छत पर पौधे लगाए हुए हैं, टैक्सी में यात्रा करने वाले बच्चों में कॉमिक्स भी वितरित करते है।
कोलकाता, जेएनएन। पर्यावरण के प्रति सचेत महानगर के टैक्सी चालक धनंजय चक्रवर्ती, जिन्होंने अपनी टैक्सी की छत पर पौधे लगाए हुए हैं, अब अपनी टैक्सी में यात्रा करने वाले बच्चों में कॉमिक्स वितरित करना शुरू किया है।
उन्होंने फेसबुक पर 'बापी ग्रीन टैक्सी' नाम से पेज तैयार कर रखा है, जो बेहद लोकप्रिय है। धनंजय ने बताया-'मेरा उद्देश्य बच्चों को कॉमिक्स और अन्य किताबें पढ़ने के प्रति आकर्षित करना तथा स्मार्टफोन से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करना है।
बच्चों को कॉमिक्स देने का विचार मेरे मन में 'बाटुल द ग्रेट' नामक कॉमिक्स से आया। इसके बाद मैंने टैक्सी में बैठने वाले बच्चों से 'हादा भोदा' और 'नोंटे फोंटे' जैसे बांग्ला कॉमिक्स के किरदारों के बारे में पूछना शुरू किया तो वे नहीं बता पाए। बच्चे फोन में व्यस्त दिखे। मुझे यह देखकर अफसोस हुआ क्योंकि हम सभी ये कॉमिक्स पढ़कर बड़े हुए हैं। अब बच्चे स्मार्ट फोन पर लगे रहते हैं। इसके बाद मैंने अपनी टैक्सी को कॉमिक्स के रंग में रंगने का मन बना लिया।'
उन्होंने आगे कहा-'मैंने अपनी टैक्सी के डैशबोर्ड को बुकशेल्फ में बदल दिया। पिछली सीट पर नेट लगाकर उनमें भी कॉमिक्स डाल दिए। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप 5 किलोमीटर अथवा 15 किलोमीटर की सवारी कर रहे हैं। कोई भी यात्री कॉमिक्स और किताबों को रास्ते में पढ़ सकता है। किताबें पढ़ने की पेशकश के अलावा यात्रियों को किताबें खरीदने पर वे छूट भी दे रहे हैं।' अपनी पहली टैक्सी के अलावा धनंजय ने अब एक और टैक्सी उतारी है, जिसमें कोलकाता झलकता है और उनकी पहल से प्रभावित कलाकारों द्वारा संवेदनशील नारे लिखे हुए हैं।
यही नहीं, उन्होंने अपनी पूरी टैक्सी पर कई तस्वीरें भी बना रखी है। कुछ खास नोट्स आदि भी हैं। एक यात्री ने कहा-'जब मैं पहली बार उस टैक्सी में बैठा था तो लगा कि यह अद्वितीय है। मेरे बच्चों को पहली बार बांग्ला कॉमिक्स की दुनिया के बारे में जानकारी मिली। टैक्सी के अंदर का वातावरण आरामदायक था।' एक अन्य यात्री ने कहा-'मैंने ऐसा अभूतपूर्व टैक्सी चालक कभी नहीं देखा। उनका प्रयास सराहनीय है।