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प्रेसिडेंसी में छात्रों ने कुलपति को रात भर चैंबर में किया कैद, 16 घंटे बाद दूसरे दरवाजे से निकली बाहर

प्रेसिडेंसी में छात्रों ने कुलपति को रात भर चैंबर में किया कैद करीब 16 घंटे बाद कुलपति दूसरे दरवाजे से निकली बाहर। कुलपति के कक्ष के बाहर धरने पर बैठे रहे प्रदर्शनकारी छात्र।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 02:30 PM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 02:30 PM (IST)
प्रेसिडेंसी में छात्रों ने कुलपति को रात भर चैंबर में किया कैद, 16 घंटे बाद दूसरे दरवाजे से निकली बाहर
प्रेसिडेंसी में छात्रों ने कुलपति को रात भर चैंबर में किया कैद, 16 घंटे बाद दूसरे दरवाजे से निकली बाहर

कोलकाता, जागरण संवाददाता। महानगर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में से एक प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय की कुलपति अनुराधा लोहिया को छात्रों के विरोध प्रदर्शन की वजह से करीब 16 घंटे तक अपने कक्ष में बंद रहना पड़ा। मंगलवार को विवि के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।

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उन्होंने बताया कि लोहिया सुबह छह बजे दूसरे दरवाजे से बाहर निकलीं जबकि छात्रों का एक धड़ा अब भी उनके कार्यालय के बाहर धरना दे रहा है। घर जाने के बाद भी कुलपति ने मीडिया कर्मियों से बात नहीं की। अधिकारी ने बताया कि वह ठीक हैं। हालांकि काफी समय से अंदर बंद होने के कारण थोड़ी तनाव में हैं। हालांकि छात्रावासों में मरम्मत कार्यों को शीघ्र पूरा करने और बर्खास्त छात्रावास कर्मचारियों की बहाली की मांग कर रहे छात्र उनके कार्यालय के बाहर धरना दे रहे हैं।

बता दें कि छात्रों ने सोमवार दोपहर दो बजे अपना प्रदर्शन शुरू किया था। छात्र 130 साल पुराने हिंदू हॉस्टल के पांच वार्डों में से तीन में मरम्मत कार्य बिना किसी देरी के पूरा करने और आठ बर्खास्त हॉस्टल कर्मचारियों को तुरंत बहाल किए जाने की मांग कर रहे हैं। इस बारे में इंडिपेंडेंट कंसोलिडेशन (आइसी) और माकपा की छात्र इकाई स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) से जुड़े छात्र हाथ में तख्तियां लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जिन पर लिखा था, 'हम पूरा हिंदू हॉस्टल वापस चाहते हैंÓ और 'छात्रों और कर्मचारियों के खिलाफ कोई भी कठोर कदम ना उठाएंÓ।

आइसी से जुड़े प्रदर्शनकारी सुभो विश्वास ने कहा कि हमने वीसी से अपनी मांगो पर स्पष्ट जवाब की मांग की थी लेकिन वह दूसरे दरवाजे से निकल गईं जबकि हम मुख्य द्वार के बाहर बैठे थे। इस बार जब वह परिसर आएंगी तो उन्हें ऐसे बचकर निकलने नहीं दिया जाएगा।

गौरतलब है कि नवंबर 2018 में हॉस्टल के एक हिस्से के नवीनीकरण का कार्य पूरा होने के बाद छात्रों को हॉस्टल सौंप दिया था। हालांकि बाकी बचे हिस्से में नवीनीकरण का कार्य चल रहा था। विवि प्रबंधन की ओर से कहा गया था कि बाकी बचे हिस्से के मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद जल्द ही हॉस्टल में छात्रों के रहने की व्यवस्था की जाएगी। 


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