Cyclone Yaas Alert: ओडिशा में आज लैंडफॉल करेगा 'यास', बंगाल में चक्रवात का असर दिखना शुरू
चक्रवात यास बुधवार प्रात ओडिशा के धर्मा पोर्ट के पास लैंडफॉल करेगा और दोपहर को ओडिशा के पारादीप और बंगाल के सागर द्वीप के बीच से होकर गुजरेगा। इस दौरान 165 से 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं जिससे भारी नुकसान की आशंका है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। चक्रवात 'यास' बुधवार प्रात: ओडिशा के धर्मा पोर्ट के पास लैंडफॉल करेगा और दोपहर को ओडिशा के पारादीप और बंगाल के सागर द्वीप के बीच से होकर गुजरेगा। इस दौरान 165 से 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, जिससे भारी नुकसान की आशंका है। चक्रवात के मद्देनजर बंगाल सरकार पूरी तरह सतर्क है और इसका मुकाबला करने के लिए अभूतपूर्व तैयारियां की गई हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार से ही राज्य सचिवालय में खोले गए कंट्रोल रूम में बैठकर हालात का जायजा ले रही हैं। साइक्लोन की आशंका वाले जिलों में अब तक नौ लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है।
यास से निपटने को 74,000 सरकारी कर्मचारी सक्रिय हैं। पुलिस प्रशासन के दो लाख कर्मचारी भी मुस्तैद हैं। मुख्यमंत्री पूर्व मेदिनीपुर, उत्तर व दक्षिण 24 परगना के जिला अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। इस बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार शाम राज्य सचिवालय जाकर वहां खोले गए कंट्रोल रूम का मुआयना किया। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय और कोलकाता के पुलिस आयुक्त के साथ बैठक की। इससे पहले राज्यपाल अलीपुर स्थित मौसम कार्यालय भी गए और वहां के अधिकारियों के साथ साइक्लोन की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली।
जरुरत पड़ने पर ली जाएगी सेना की भी मदद
मुख्यमंत्री ने कहा कि एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मुस्तैद हैं। जरुरत पड़ने पर सेना की भी मदद ली जाएगी। बंगाल के विभिन्न जिलों में मंगलवार सुबह से ही साइक्लोन का असर दिखना शुरू हो गया था। आसमान में काले बादलों ने डेरा डाल दिया था और जगह-जगह तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही थी। दक्षिण 24 परगना व पूर्व मेदिनीपुर जिलों की कई नदियों का जलस्तर अचानक से बढ़ गया है। दीघा, मंदारमणि, बकखाली, सागरद्वीप में समुद्र अशांत हो उठा है। वहां ऊंची लहरें उठ रही हैं। साइक्लोन से बंगाल के 20 जिलों के बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है। उन जिलों में 4,000 राहत शिविर खोले गए हैं।
10 लाख लोगों को जोखिम वाले स्थानों से हटाकर सुरक्षित जगहों पर लाया जा रहा है। 51 आपदा प्रबंधन टीमों का गठन किया गया है। इसके साथ ही तूफान के गुजरने के बाद तेजी से बिजली की आपूर्ति बहाल करने के लिए 1,000 पावर रेस्टोरेशन टीमें भी गठित की गई हैं। विभिन्न रेलवे स्टेशन और कार शेडों में ट्रेनों को चेनसे बांधकर रखा गया है। कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमानों को भी चेन से बांधकर रखा गया है। खिदिरपुर पोर्ट में भी ऐसा ही नजारा है। वहां बड़े जहाजों को चेन से बांधा गया है।