विस चुनाव की तैयारियों पर राज्य चुनाव अधिकारी की जिलाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक, वर्तमान हालत पर चर्चा
चुनाव आयोग ने बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। शुक्रवार को बैठक में सभी जिलों में कोरोना की स्थिति और वहां के वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा की गई। दिए गए जरूरी दिशानिर्देश। यहां कोलकाता के दो डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर रहे।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : चुनाव आयोग ने बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। राज्य के चुनाव अधिकारी आरिज आफताब ने इसे लेकर शुक्रवार को कोलकाता के एक वाणिज्य मंडल के सभागार में सभी जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में कोलकाता के दो डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर भी मौजूद थे। राज्य चुनाव आयोग की तरफ से बुलाई गई इस पहली बैठक में सभी डीएम से उनके यहां कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली गई और उनके अनुसार चुनाव की तैयारियों में जुट जाने के लिए जरूरी दिशानिर्देश दिए गए। सभी जिलों के वर्तमान राजनीतिक हालात पर भी चर्चा की गई। संवेदनशील इलाकों में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान के हालात पर गहनता से विचार-विमर्श किया गया।
हफ्ते में दो दिन चुनाव आयोग की तरफ से विशेष कैंप लगे
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने बंगाल में मतदाता सूची में संशोधन का काम शुरू कर दिया है। दिसंबर तक संशोधन का काम चलेगा। इस बाबत राज्य के 78,107 बूथों में हफ्ते में दो दिन चुनाव आयोग की तरफ से विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं। वर्तमान में बंगाल में मतदाताओं की कुल संख्या सात करोड़ 18 लाख 49 हजार 308 है। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या तीन करोड़ 67 लाख दो हजार 590 और महिला मतदाताओं की संख्या तीन करोड़ 51 लाख 45 हजार 288 है। तृतीय लिंग श्रेणी के 1,430 मतदाता हैं। सर्विस मतदाताओं की संख्या एक लाख 12 हजार 428 है। अब तक मतदाता सूची से एक लाख 30 हजार 879 मृत व संदिग्ध मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं जबकि 39,179 मतदाताओं के नाम जोड़े गए हैं।
डाक विभाग पूरे मामले के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होगा
चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव के लिए नई व्यवस्था लागू करने जा रहा है। इस बार सर्विस मतदाताओं को स्पीड पोस्ट के जरिए सही समय पर पोस्टल बैलेट मिलेगा और मतदान के बाद यह स्पीड पोस्ट के माध्यम से जल्दी रिटर्निंग अधिकारी तक पहुंच जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में आने वाला सारा खर्च चुनाव आयोग वहन करेगा। यही नहीं, रिटर्निंग ऑफिसर के पास हर समय पोस्टल बैलेट की डिलीवरी को ट्रैक करने के लिए एक सिस्टम होगा। डाक विभाग पूरे मामले के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होगा।
दिन से पहले रिटर्निंग ऑफिसर तक पहुंचाने का नियम है
चुनाव आयोग सूत्रों ने बताया कि आमतौर पर रिटर्निंग अधिकारी को नामांकन वापस लेने के अंतिम दिन के 24 घंटे के भीतर मतपत्र को प्रिंट करना होता है और एक दिन के भीतर संबंधित सर्विस मतदाता को भेजना होता है। मतपत्र प्राप्त होने के बाद मतदाता को अपने पसंदीदा उम्मीदवार के नाम के आगे टिक या क्रॉस के निशान के साथ प्रमाणित घोषित करना होता है। फिर बैलेट पेपर और घोषणापत्र को वापस एक सीलबंद लिफाफे में रिटर्निंग ऑफिसर के पास भेजना होता है। मतगणना के निर्धारित दिन से पहले रिटर्निंग ऑफिसर तक इसे पहुंचाने का नियम है।