Move to Jagran APP

हड़ताल बेअसर, धड़ल्ले से दौड़ती नजर आई पीली टैक्सियां व कैब

- चालकों ने दिया वाम श्रमिक संगठन सीटू को झटका -हावड़ा-सियालदह स्टेशन व एयरपोर्ट पर याताया

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Aug 2019 05:12 PM (IST)Updated: Tue, 06 Aug 2019 05:12 PM (IST)
हड़ताल बेअसर, धड़ल्ले से दौड़ती नजर आई पीली टैक्सियां व कैब
हड़ताल बेअसर, धड़ल्ले से दौड़ती नजर आई पीली टैक्सियां व कैब

- चालकों ने दिया वाम श्रमिक संगठन सीटू को झटका

loksabha election banner

-हावड़ा-सियालदह स्टेशन व एयरपोर्ट पर यातायात सामान्य

जागरण संवाददाता, कोलकाता : वाम समर्थित श्रमिक संगठन सीटू के 48 घंटे पीली टैक्सी हड़ताल का महानगर की सड़कों पर कोई असर देखने को नहीं मिला। मंगलवार सुबह से ही महानगर व आसपास के संलग्न इलाकों की सड़क पर आम दिनों की तरह ही पीली टैक्सियां व ऐप कैब धड़ल्ले से दौड़ती नजर आई। दरअसल, किराया वृद्धि समेत अन्य सात सूत्रीय मांगों को लेकर बंगाल टैक्सी वर्कर फेडरेशन ने 48 घंटे की टैक्सी हड़ताल का आह्वान किया था, जिसके पहले ही दिन मंगलवार को उनकी यह हड़ताल पूरी तरह से विफल रही। हालांकि सीटू की ओर से दावा किया जा रहा था कि इस हड़ताल के समर्थन में करीब 20 हजार से अधिक टैक्सी चालक सेवा ठप कर अपना विरोध जाहिर करेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और आम दिनों की तरह से टैक्सी सेवाएं सामान्य रही। हावड़ा व सियालदह स्टेशनों के साथ ही एयरपोर्ट पर भी टैक्सियों की उपस्थिति ने साफ कर दिया कि वे किसी भी सूरत में हड़ताल का समर्थन नहीं करेंगे। वहीं एक टैक्सी चालक ने कहा कि पूरे दिन काम करने के बाद बामुश्किल दो सौ से तीन सौ रुपये बचते हैं और अगर ऐसे में दो दिन टैक्सी सेवा ठप करते हैं तो इसकी मार हमे ही झेलने होगी। यूनियन तब हमारे लिए कुछ नहीं करेगा। हड़ताल सत्तर की संस्कृति थी, आज हड़ताल से कुछ आना-जाना नहीं है। इधर, सीटू के दावों पर पानी फेरने के मकसद से राज्य की सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस समर्थित प्रोग्रेसिव टैक्सी मेंस यूनियन ने अपने सभी टैक्सियों को सड़क पर उतार दिया, ताकि किसी भी सूरत में यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े और यातायात सामान्य रहे। दूसरी ओर टैक्सी मालिकों के सबसे बड़े संगठन बंगाल टैक्सी ने अपने चालकों को समझाया कि न्यूनतम किराया 30 से 40 रुपये किए जाने को लेकर राज्य परिवहन विभाग से उनकी बातचीत जारी है और अधिकारियों ने उनकी मांगों को जायज ठहराते हुए इस पर सहमति भी व्यक्त की है। ऐसे में हड़ताल पूरी तरह से गैर जायज निर्णय है। इतना ही नहीं ऐप संचालित कैब सेवा प्रदाता ओला-उबर के चालकों ने पहले तो सीटू के हड़ताल का समर्थन करने का निर्णय लिया, लेकिन बाद में उन्होंने पैर पीछे खींच लिया। हालांकि सीटू को यकीन था कि कैब चालक हड़ताल का समर्थन करेंगे और सेवा ठप कर सड़क पर उतर विरोध प्रदर्शन करेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और आखिरकार चालकों ने सेवा जारी रख वाम श्रमिक संगठन को झटका देने का काम किया।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.