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आइआइटी खड़गपुर में कमाल, गीले कपड़ों से पैदा की बिजली

शोधकर्ताओं ने धोबियों के द्वारा सुखाए जा रहे करीब 3000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले करीब 50 कपड़ों का इस्तेमाल करके पूरी प्रक्रिया का प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 03:26 PM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 03:26 PM (IST)
आइआइटी खड़गपुर में कमाल, 
गीले कपड़ों से पैदा की बिजली
आइआइटी खड़गपुर में कमाल, गीले कपड़ों से पैदा की बिजली

-शोधकर्ताओं ने धोबियों के द्वारा सुखाए जा रहे करीब 3,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले करीब 50 कपड़ों का इस्तेमाल करके पूरी प्रक्रिया का प्रदर्शन किया।

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जासं, कोलकाता: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने प्राकृतिक वातावरण में सुखाए जा रहे कपड़ों से बिजली पैदा करने का एक अनोखा नजरिया विकसित किया है। शोधकर्ताओं ने निरंतर जारी वाष्पीकरण के बीच लवणयुक्त पानी की निर्देशित गतिविधि के माध्यम से बिजली पैदा करने के लिए सेल्यूलोस आधारित फैब्रिक नेटवर्क में स्थित अत्यंत क्षुद्र चैनलों का इस्तेमाल किया है।

यह प्रक्रिया बहुत हद तक जीवित पौधे में पानी के परिवहन की प्रक्रिया के समान है। मेकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर और प्रोजेक्ट के अग्रणी शोधकर्ता सुमन चक्रवर्ती ने इस प्रक्रिया को समझाते हुए कहा, इस मामले में सुव्यवस्थित सेल्यूलोस से बना पहनावे का कपड़ा कैपिटलरी कार्य द्वारा रेशेदार छोटे-छोटे नेटवर्क के जरिए लवणयुक्त पानी की गति के लिए माध्यम का काम करता है। इस प्रक्रिया में विद्युत विभव भी शामिल होता है।

शोधकर्ताओं ने सुदूर गाव में धोबियों के द्वारा सुखाए जा रहे बड़ी तादाद में कपड़ों (करीब 3,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले करीब 50 कपड़ों) का इस्तेमाल करके पूरी प्रक्रिया का प्रदर्शन किया। शोधकर्ताओं ने करीब 24 घटे में 10 वोल्ट विद्युत आवेश पैदा किया। इस प्रकार संचित बिजली से एक सफेद एलईडी एक घटा तक जल सकती है।


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