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मुझे नहीं पता कि जिंदगी से क्या उम्मीद करुं

कृपया मुझे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिला दीजिए।' समर के साथ ही खाकोन टीकादार भी 2011 में इराक गए थे और दोनों नदिया जिले के चपरा महाखोला इलाके के निवासी थे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 23 Mar 2018 04:57 PM (IST)Updated: Sat, 24 Mar 2018 04:53 PM (IST)
मुझे नहीं पता कि जिंदगी से क्या उम्मीद करुं
मुझे नहीं पता कि जिंदगी से क्या उम्मीद करुं

कोलकाता, जेएनएन। इराक के मोसुल में अपने पति की मौत की खबर से बुरी तरह टूट चुकी दीपाली की अब बस एक ही इच्छा है। वह एक बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलना चाहती हैं ताकि उनसे अपने घर का खर्च चलाने के लिए सरकारी नौकरी की गुजारिश कर सके।

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दीपाली (35) के पति समर टीकादार को वर्ष 2014 में इराक में इस्लामिक स्टेट ने अन्य 38 भारतीयों के साथ अगवा कर लिया था। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को संसद में घोषणा की कि सभी 39 लोग मारे जा चुके हैं। दो बच्चों की मां दीपाली ने कहा- 'जब मैं मुख्यमंत्री से मिलूंगी तो उन्हें अपनी खराब आर्थिक हालत के बारे में बताऊंगी और उनसे सरकारी नौकरी की अपील करुंगी।

मुझे लगता है कि वह मेरी स्थिति को समझेंगी। पिछले चार साल से मैं इस उम्मीद से कड़ी मेहनत करके अपने बच्चों का पेट पाल रही थी कि एक दिन मेरे पति लौट आएंगे और हमारी जिंदगी बेहतर हो जाएगी।' दीपाली ने आगे कहा-'मैं सोचती थी कि समर के लौटने के बाद हमारी मुफलिसी के दिन खत्म हो जाएंगे। मुझे नहीं पता कि जिंदगी से क्या उम्मीद करुं।'

दीपाली का बेटा सुदीप दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है और बेटी शर्मिष्ठा चौथी कक्षा में पढ़ती है। उसने कहा, 'मैं सरकारी नौकरी चाहती हूं ताकि अपने बच्चों को पढ़ा सकूं।' भारत-बांग्लादेश सीमा पर नदिया जिले में मिट्टी के बने दीपाली के मकान की तुरंत मरम्मत कराने की जरुरत है लेकिन इसके लिए उनके पास पैसे नहीं हैं। उन्होंने कहा- 'मुझे एकीकृत बाल विकास सेवा के तहत 4,800 रुपये मिलते हैं। एक परिवार चलाने के लिए यह पर्याप्त नहीं है।

कृपया मुझे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिला दीजिए।' समर के साथ ही खाकोन टीकादार भी 2011 में इराक गए थे और दोनों नदिया जिले के चपरा महाखोला इलाके के निवासी थे। उनके परिवार ने आखिरी बार दोनों से 2014 की शुरुआत में बात की थी। उसके बाद आइएस आतंकियों ने उनका अपहरण कर लिया था।

विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने कहा कि सरकार को 39 कामगारों के शव वापस लाने में आठ से 10 दिन लगेंगे। बहरहाल, दीपाली अपने पति का शव लेने के लिए कोलकाता हवाई अड्डे पर जाने की इच्छुक नहीं हंै। उन्होंने कहा- 'अगर मुझे अपने पति का शव लाने के लिए हवाई अड्डे पर जाने का मौका मिला तो मैं नहीं जाऊंगी। 


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