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Honor on achievement : 12वीं छात्रा दिगंतिका बसु ने बनाया उपकरण, अब कानों में नहीं फंसानी पड़ेगी मास्क की डोर

Honor on achievement इस अविष्कार को मान्यता देते हुए केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च की ओर से दिगंतिका को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम युनाइटेड माइंड चिल्ड्रेन क्रिएटिविटी एंड इनोवेशन अवॉर्ड से सम्मानित किया है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 05:31 PM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 05:31 PM (IST)
Honor on achievement : 12वीं छात्रा दिगंतिका बसु ने बनाया उपकरण, अब कानों में नहीं फंसानी पड़ेगी मास्क की डोर
अपने उपकरण को दिखाती 12वीं की छात्रा दिगंतिका बसु।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोरोना के इस विकट दौर में मास्क पहनकर बाहर निकलना सभी के लिए अनिवार्य हो गया है। देर तक मास्क पहनने पर कुछ लोग कानों में दर्द की शिकायत कर रहे हैं। कारण, मास्क की डोर कानों में फंसी रहती है। पूर्व बर्दवान जिले के छोटे से इलाके मेमारी की स्कूल छात्रा दिगंतिका बसु ने इस समस्या का समाधान करते हुए एक ऐसा उपकरण तैयार किया है, जिससे मास्क के कारण कानों में दर्द की समस्या से मुक्ति मिलेगी। दिगंतिका के इस आविष्कार को केंद्र सरकार ने मान्यता प्रदान की है।

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इस साल 22 राज्यों से बड़ी संख्या में नामांकन जमा पड़े थे

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च की ओर से दिगंतिका को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम युनाइटेड माइंड चिल्ड्रेन क्रिएटिविटी एंड इनोवेशन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। इस पुरस्कार के लिए इस साल 22 राज्यों से बड़ी संख्या में नामांकन जमा पड़े थे। इस साल कुल नौ लोगों का इस पुरस्कार के लिए चयन किया गया।

कानों के पीछे दर्द की शिकायत के मद्देनजर बनाया है मास्क 

दिगंतिका उनमें से एक है। मेमारी डीएम इंस्टिट्यूशन यूनिट-2 में  12वीं की छात्रा दिगंतिका ने बताया-"कोरोना महामारी के इस दौर में सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है, विशेषकर स्वास्थ्य कर्मियों व पुलिसकर्मियों को लंबे समय तक मास्क पहनकर ड्यूटी करनी पड़ती है। लगातार इतनी देर तक मास्क पहनने के कारण कुछ लोग कानों के पीछे दर्द की शिकायत कर रहे हैं। इसी को देखते हुए मैंने यह उपकरण तैयार किया है।"

दिगंतिका इससे पहले भी राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार जीत चुकी है

दिगंतिका ने बेकार पड़ी प्लास्टिक से यह उपकरण तैयार किया है, जिसे मास्क पहनते वक्त सिर के पीछे लगाया जाता है। मास्क की दोनों तरफ की डोर इसमें फंस जाती है। इससे कानों पर किसी तरह का दबाव नहीं पड़ता। दिगंतिका इससे पहले भी राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार जीत चुकी है।


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