हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा, मुकुल राय को 'वाई' कैटेगरी की सुरक्षा क्यों
हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा कि मुकुल राय को 'वाई' कैटेगरी की सुरक्षा क्यों दी जा रही है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने भाजपा नेता मुकुल राय को 'वाई' कैटेगरी की सुरक्षा दिए जाने को लेकर केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। शुक्रवार को हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य ने केंद्र से पूछा कि मुकुल राय को 'वाई' कैटेगरी की सुरक्षा क्यों दी जा रही है, इसकी जानकारी अदालत को दें क्योंकि इस पर भी खर्च तो हो ही रहा है। इस बाबत केंद्र सरकार को हलफनामा जमा देने को कहा गया है।
गौरतलब है कि गत 24 नवंबर को विधाननगर के 7 नंबर वार्ड से तृणमूल पार्षद देवराज चक्रवर्ती ने इस बाबत जनहित याचिका दायर की थी। इस दिन इसी मामले पर सुनवाई के दौरान वादी पक्ष के अधिवक्ता पार्थ सारथी सेनगुप्ता ने कहा कि मुकुल राय को राज्य सरकार की तरफ से सुरक्षा दी गई थी।
उस सुरक्षा व्यवस्था को उन्होंने छोड़ दिया था लेकिन अभी वे जिस राजनीतिक दल में है, वहां वे किसी उच्च पद पर नहीं हैं। वे न तो विधायक हैं और न ही सांसद, फिर उन्हें केंद्रीय बलों की सुरक्षा क्यों मुहैया कराई जा रही है। अगर उन्हें कहीं से धमकी मिल रही है तो वे इसकी शिकायत थाने में करा सकते हैं। उसपर पुलिस पर्याप्त व्यवस्था करेगी।
केंद्र की ओर से अदालत कक्ष में हाजिर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल कौशिक चंद्र ने कहा कि मुकुल राय को धमकियां मिल रही हैं। खुफिया रिपोर्ट में भी इसका उल्लेख है इसलिए उन्हें केंद्रीय बलों की सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। 'वाई' कैटेगरी की सुरक्षा पर अदालत हस्तक्षेप नहीं कर सकती। इसके बाद खंडपीठ ने सुरक्षा से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश का उल्लेख करते हुए कहा कि हाईकोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप कर सकता है।
मुकुल राय को अगर कहीं से धमकी मिल रही है तो ये देखने की जिम्मेदारी पुलिस की है। उनकी सुरक्षा के लिए रुपये क्यों खर्च होंगे? इसके बाद खंडपीठ ने केंद्र से इस संबंध में अगले दो सप्ताह में बंद लिफाफे में हलफनामा जमा देने का निर्देश दिया है।