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73 हजार शिक्षकों की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

कलकत्ता हाईकोर्ट के गुरुवार को दिए गए निर्देश के बाद उच्च माध्यमिक स्तर पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया कानूनी पेंच में फंस गई।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 13 Jul 2018 10:26 AM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 02:53 PM (IST)
73 हजार शिक्षकों की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
73 हजार शिक्षकों की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कलकत्ता हाईकोर्ट के गुरुवार को दिए गए निर्देश के बाद उच्च माध्यमिक स्तर पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया कानूनी पेंच में फंस गई। फिलहाल सरकार 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए शिक्षकों की भर्ती नहीं कर पाएगी क्योंकि हाईकोर्ट ने नियुक्ति के लिए आयोजित काउंसिलिंग पर रोक लगा दी है।

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उच्च माध्यमिक स्तर पर 73,563 पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) ने तीन अक्टूबर, 2016 को अधिसूचना जारी की थी। 11वीं व 12वीं में शिक्षकों की भर्ती के लिए 27 नवंबर और 4 दिसंबर को परीक्षा आयोजित की गई थी लेकिन लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं हुई।

इसी माह 16 से 21 जुलाई तक भर्ती के लिए काउंसिलिंग के लिए अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। एसएससी द्वारा नियम नहीं मानने के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। बुधवार को अदालत ने एसएससी की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों की सूची जारी हुई या नहीं, इसपर गुरुवार को रिपोर्ट सौंपने को कहा था।

आज जब सुनवाई शुरू हुई तो हाईकोर्ट ने काउंसिलिंग पर रोक लगा दी। वादी पक्ष के अधिवक्ता ने न्यायमूर्ति शेखर बॉबी सराफ की अदालत में कहा कि लिखित परीक्षा की सूची जारी किए बिना काउंसिलिंग के लिए किसी अभ्यर्थी को कैसे बुलाया जा सकता है। एसएससी की ओर से कहा गया कि लिखित परीक्षा की मेधा सूची जारी नहीं की गई थी।

इस पर न्यायाधीश ने पूछा कि क्या यह नियमानुसार है। इस पर एसएससी की ओर से बताया गया कि व्यक्तिगत स्तर पर काउंसिलिंग के लिए उम्मीदवारों को बुलाया गया था। इसपर न्यायाधीश ने पूछा कि क्या यह वैध है? इस दिन एसएससी ने बताया कि कोई मेधा तालिका प्रकाशित नहीं हुई थी।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने काउंसिलिंग प्रक्रिया को निलंबित करने का आदेश दिया। शिक्षकों के पद के लिए एसएससी की लिखित परीक्षा में लगभग साढ़े तीन लाख लोग बैठे थे। राज्य सरकार इस रोक के खिलाफ दो जजों की पीठ में अपील कर सकती है।


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