Kolkata: बोगटूई नरसंहार में तृणमूल के पूर्व नेता अनारुल हुसैन की जमानत याचिका हाई कोर्ट में खारिज
Kolkata अनारुल बीरभूम जिले के तृणमूल के पूर्व ब्लाक अध्यक्ष हैं। बीरभूम तृणमूल जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल के करीबी हैं। बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने अनारुल की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कलकत्ता हाई कोर्ट ने बीरभूम जिले के बोगटूूई में हुए नरसंहार के आरोपित तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता अनारुल हुसैन की जमानत याचिका खारिज कर दी। अनारुल बीरभूम जिले के तृणमूल के पूर्व ब्लाक अध्यक्ष हैं। बीरभूम तृणमूल जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल के करीबी हैं। बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने अनारुल की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
बोगटूई नरसंहार
राजमिस्त्री से नेता बने अनारुल के जीर्ण-शीर्ण घर महल में बदल चुका है। ऐसा आरोप है कि बीरभूम के एक प्रभावशाली नेता अनुब्रत के पक्ष में होने के कारण उसकी संपत्ति ही नहीं बल्कि शक्ति भी बढ़ दी गई थी। इस अनारुल का नाम 21 मार्च 2022 को बीरभूम में बोगटूई नरसंहार के बाद सामने आया था। इसका का नाम बीरभूम के बरशाल गांव पंचायत के उप मुखिया भादू शेख की हत्या के बाद बोगटूई में एक साथ 11 लोगों को जिंदा जला दिया गया था।
जस्टिस बागची ने याचिका की खारिज
अनारुल के प्रभाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता था कि नरसंहार के बाद जब वहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहुंची और मृतकों के स्वजनों ने शिकायत की इसके बाद सीएम के निर्देश पर गिरफ्तारी हुई थी। वह फिलहाल जेल में है। बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में उसके जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी। जस्टिस बागची ने याचिका खारिज कर दी। इस नरसंहार की हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ जांच कर रही है और मामले के एक अन्य अहम आरोपित लालन शेख की कुछ माह पहले सीबीआइ हिरासत में मौत हो गई थी।