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स्विमिंग सूट पहनी तस्वीर पोस्ट पर सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी से फायर करने का मामला पहुंचा हाई कोर्ट

इंस्टाग्राम पर स्विमिंग सूट पहनी तस्वीर पोस्ट करने को लेकर सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी की एक सहायक प्रोफेसर को कथित तौर पर नौकरी से निकाले जाने का मामला कलकत्ता हाई कोर्ट पहुंच गया है। अंग्रेजी की सहायक प्रोफेसर रहीं महिला ने इसे लेकर मुकदमा दायर किया है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sat, 10 Sep 2022 03:19 PM (IST)Updated: Sat, 10 Sep 2022 03:19 PM (IST)
स्विमिंग सूट पहनी तस्वीर पोस्ट पर  सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी से फायर करने का मामला पहुंचा हाई कोर्ट
मामले पर 14 सितंबर को सुनवाई होने की संभावना। सांकेतिक तस्‍वीर।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। इंस्टाग्राम पर स्विमिंग सूट पहनी तस्वीर पोस्ट करने को लेकर सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी की एक सहायक प्रोफेसर को कथित तौर पर नौकरी से निकाले जाने का मामला कलकत्ता हाई कोर्ट पहुंच गया है। अंग्रेजी की सहायक प्रोफेसर रहीं महिला ने इसे लेकर मुकदमा दायर किया है। न्यायाधीश कौशिक चंद की अदालत में इस मामले पर 14 सितंबर को सुनवाई होने की संभावना है। इससे पहले राज्य महिला आयोग भी इस मामले पर रिपोर्ट तलब कर चुका है। महिला ने इसे लेकर सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी प्रबंधन को 99 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भी भेजा था।

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उनका आरोप है कि यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों ने उन्हें नौकरी छोडऩे के लिए मजबूर किया जबकि प्रबंधन का कहना है कि इसे लेकर एक अभिभावक की तरफ से शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है। अभिभावक ने अपने बेटे को मोबाइल पर सहायक प्रोफेसर की स्वीमिंग सूट पहनी तस्वीरें देखते हुए पकड़ा था। उनका बेटा यूनिवर्सिटी में स्नातक प्रथम वर्ष का छात्र है। उन्होंने प्रबंधन से इसकी शिकायत की थी।

महिला का इस पर कहना है-'मैंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट में ये तस्वीरें पोस्ट की थीं। मेरा अकाउंट प्राइवेट है इसलिए उसे हर कोई नहीं देख सकता इसलिए मुझे नहीं पता कि उक्त छात्र ने ये तस्वीरें कैसे देख लीं? इसके अलावा मैंने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर ये तस्वीरें पोस्ट की थीं, जो 24 घंटे बाद खुद से डिलीट हो जाती हैं। मैंने ये तस्वीरें यूनिवर्सिटी से जुडऩे से पहले पोस्ट की थीं।'

सेंट जेवियर्स कालेज, कोलकाता और जादवपुर विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा रहीं महिला की नौ अगस्त, 2021 को अंग्रेजी विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति हुई थी। दो यूरोपीय विश्वविद्यालयों से पीएचडी करने वाली महिला ने आरोप लगाते हुए कहा- 'मुझपर इस्तीफा देने के लिए जिस तरह से दबाव डाला गया, वह यौन उत्पीडऩ और जान-बूझकर चरित्र हनन की कोशिश है। नैतिकता के मनमाने और आदिम मानकों का इस्तेमाल मुझे लज्जित करने और मेरी तस्वीरों को आपत्तिजनक बनाने के लिए किया गया। मुझे जो अपमान सहना पड़ा, वह असहनीय है।'


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