West Bengal: नाबालिगों को शराब से दूर रखना मां-बाप की जिम्मेदारी: हाईकोर्ट
मामले की सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट ने रखी राय कहा- सिर्फ पुलिस व प्रशासन के भरोसे बैठने से नहीं चलेगा काम।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। 21 साल से कम उम्र के युवाओं को शराब से दूर रखने का जिम्मा मां-बाप को लेना ही होगा। सिर्फ मां-बाप ही नहीं मुहल्ले के बड़े बुजुर्गो को भी यह जिम्मेदारी निभाने के लिए आगे आना होगा। मां-बाप व अग्रजों का प्यार व सही मार्गदर्शन उन्हें सही राह दिखा सकता है।
नाबालिगों को शराब बेचने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने उक्त विचार रखे। सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीवी राधाकृष्णन की खंडपीठ ने कहा कि जिम्मा सिर्फ पुलिस व प्रशासन पर छोड़ देने से नहीं चलेगा। नाबालिग शराब तक न पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए मां-बाप या मुहल्ले के वरिष्ठों को आगे आना होगा।
एक शराब कारोबारी के के खिलाफ एक अन्य शराब कारोबारी द्वारा दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि 21 साल कम आयु वर्ग के युवाओं को शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगे इलाकों में भी कुछ शराब कारोबारी कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। ऐसे में कई नाबालिगों तक आसानी से शराब पहुंच रही है। कोलकाता के साथ राज्य के लगभग सभी इलाकों का यही हाल है।
मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने जहां परिवार व समाज के वरिष्ठ जनों को जिम्मा सौंपा है , साथ ही शराब व्यवसायियों को भी सतर्क करते हुए आखिरी मौका दिया गया है। कड़े शब्दों ने अदालत ने कहा कि व्यवसायगत प्रतिस्पर्धा जैसा बहाना यहां नहीं चलेगा। यह उनके मौलिक अधिकार क्षेत्र में नहीं पड़ता है।
नाबालिगों को शराब बिक्री के पीछे सबसे ज्यादा यही कारण बताया गया है। अदालत ने साफ शब्दों में तुरंत इसे बंद करने का निर्देश दिया। ऐसा करते हुए पाए जाने पर पुलिस को तुरंत उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने व आबकारी विभाग को उसका लाइसेंस रद करने का आदेश दिया गया है।