हाईकोर्ट ने सुंदरवन की वन भूमि के अवैध इस्तेमाल पर लगाम कसने को गठित की दो सदस्यीय कमेटी
अदालत ने दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारी को भी मैंग्रोव फॉरेस्ट को नष्ट करने संबंधी गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक को सुनिश्चित करने को कहा। न्यायमूर्ति ने जिलाधिकारी और जिम्मेदार अधिकारियों को इस बाबत नियमित रूप से सुंदरवन का दौरा करने का भी निर्देश दिया है।
कोलकाता , राज्य ब्यूरो। कलकत्ता हाईकोर्ट ने सुंदरवन की वन भूमि को गैरकानूनी तरीके से मत्स्य पालन केंद्रों, रिजॉर्ट्स और एडवेंचर स्पोर्ट्स कांप्लेक्सों में तब्दील किए जाने पर लगाम कसने के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित की है, जिसका नेतृत्व एक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी करेंगी। अदालत ने दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारी को भी मैंग्रोव फॉरेस्ट को नष्ट करने संबंधी गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक को सुनिश्चित करने को कहा है।
न्यायमूर्ति संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने जिलाधिकारी और जिम्मेदार अधिकारियों को इस बाबत नियमित रूप से सुंदरवन का दौरा करने का भी निर्देश दिया है। हाईकोर्ट की ओर से गठित की गई कमेटी का नेतृत्व आइपीएस अधिकारी दमयंती सेन करेंगी, जो इस समय कोलकाता पुलिस में हैं।
दूसरे सदस्य के तौर पर एक पत्रकार का चयन किया गया है, जिन्होंने सुंदरवन में वनभूमि के गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल पर रिपोर्टिंग की थी। कमेटी के सदस्य सुंदरवन का दौरा कर इस तरह की अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए तत्काल प्रभाव से कदम उठाएंगे और वे इस मामले पर 21 दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई से पहले अपनी प्राथमिक रिपोर्ट अदालत में जमा करेंगे।
अदालत ने यह भी कहा है कि इस निर्देश की प्रति राज्य के मुख्य सचिव को तुरंत भेज दी जाए ताकि बिना किसी राजनीतिक प्रतिरोध के इस दिशा में कदम उठाया जा सके। गौरतलब है कि सुंदरवन की वन भूमि पर अवैध निर्माण से वहां के परिवेश पर भारी असर पड़ रहा है।