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12 मिनट में हावड़ा से कोलकाता पहुंचे अंग, बचीं तीन जिंदगियां

-ग्रीन कॉरिडोर की मदद से ले जाए गए अंग एसएसकेएम में दो मरीजों को हुआ हृदय व किडनी का प्रत्य

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jul 2019 08:21 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2019 06:37 AM (IST)
12 मिनट में हावड़ा से कोलकाता पहुंचे अंग, बचीं तीन जिंदगियां
12 मिनट में हावड़ा से कोलकाता पहुंचे अंग, बचीं तीन जिंदगियां

-ग्रीन कॉरिडोर की मदद से ले जाए गए अंग, एसएसकेएम में दो मरीजों को हुआ हृदय व किडनी का प्रत्यारोपण

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- ब्रेन डेथ हावड़ा की एक महिला के अंगों का कोलकाता के अस्पतालों में किया गया प्रत्यारोपित

- मंगलवार को इलाज के दौरान नरायणा अस्पताल में हुआ महिला का ब्रेन डेथ

- ग्रीन कारिडोर बनाने में हावड़ा नगर पुलिस के परिवहन विभाग की उल्लेखनीय भूमिका

जागरण संवाददाता, हावड़ा : एक बार फिर से हावड़ा में ग्रीन कारिडोर की मदद से मानव अंगों को सुरक्षित कोलकाता ले जाया गया। ब्रेन डेथ एक महिला के अंगों को हावड़ा से कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल सुरक्षित ले जाया गया। हावड़ा के आदुल रोड स्थित नारायणा अस्पताल से बुधवार की सुबह 8.30 बजे ग्रीन कारिडोर की मदद से अंजना भौमिक (48) नामक एक मृत महिला का हृदय, किडनी व लीवर एसएसकेएम अस्पताल भेजा गया। वहां इन अंगों को अलग-अलग अस्पतालों में तीन मरीजों को तीनों अंग प्रत्यारोपित किए गए। हावड़ा में ग्रीन कारिडोर बनाने में हावड़ा नगर पुलिस के परिवहन विभाग की उल्लेखनीय भूमिका रही।

अंजना भौमिक ग्रामीण हावड़ा के उदयनाराणपुर स्थित राजापुर गाव की रहने वाली थी। रविवार को उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ। बता दें कि पति संतोष भौमिक पेशे से चिकित्सक हैं। प्रारंभ में पत्नी की प्राथमिक चिकित्सा वह खुद ही कर रहे थे। हालाकि अंजना की सेहत में अपेक्षित सुधार नहीं होने पर रविवार को स्थानीय एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। हालांकि यहां तबीयत और बिगड़ने लगी। तत्पश्चात सोमवार को परिजनों ने अपराह्न तीन बजे अंजना को आदुल रोड स्थित नारायणा अस्पताल में भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान मंगलवार को ब्रेन स्ट्रोक होने के कारण मरीज की डेथ हो गयी। इसके बाद परिवार ने अंजना के अंगों को दान करने का निर्णय लिया। हालाकि इससे पहले चिकित्सकों को यह जाच करनी थी कि अंगों को प्रतिस्थापित किया जा सकता है या नहीं। इसके सकारात्मक नतीजे मिलते ही अंजना के अंगों को तत्काल आपरेशन के जरिए शरीर से अलग करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। विशेषज्ञों की एक टीम ने उनके अंगों को शरीर से अलग किया। पहले हृदय और किडनी को फिर लीवर को हावड़ा से कोलकाता के बीच ग्रीन कारिडोर बनाकर कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल सुरक्षित ले जाया गया। हावड़ा से कोलकाता जाने में 12 मिनट का समय लगा। एसएसकेएम में किडनी और हृदय प्रतिस्थापन करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। बारासात की महिला रीना शील (53) को लीवर प्रत्यारोपित किया जाएगा। उनकी आंखें व स्कीन भी प्रत्यारोपित करने के लिए संग्रह किया गया है। जानकारी के अनुसार अंजना की दूसरी किडनी को फिलहाल नारायणा अस्पताल में ही रखने का निर्णय लिया गया है। अस्पताल के फैसिलीटी डायरेक्टर सुभाशीष सरकार ने कहा कि दूसरी किडनी को हावड़ा के एक मरीज को प्रत्यारोपित करने के लिए आवश्यक जांच की जा रही है। सकारात्मक परिणाम आने पर तत्काल प्रत्यारोपित कर दिया जाएगा। उन्होंने ग्रीन कॉरिडोर की व्यवस्था करने के लिए हावड़ा नगर पुलिस के परिवहन विभाग की भूमिका को सराहा। इस प्रशंसनीय कार्य के लिए उन्होंने स्थानीय प्रशासन को धन्यवाद भी दिया।


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