मुकुल रॉय को बड़ी राहत, सभी मामले हाईकोर्ट में खारिज
कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को भाजपा नेता मुकुल रॉय के खिलाफ दायर सभी 12 मामलों को खारिज कर दिया।
-रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर थे ठगी के 12 मामले
-उत्तर 24 परगना जिले के तीन थानों में दर्ज कराई गई थी ठगी की प्राथमिकी
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राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को भाजपा नेता मुकुल रॉय के खिलाफ दायर सभी 12 मामलों को खारिज कर दिया। जिससे उन्हें बड़ी राहत मिल गई है। ये मामले उत्तर 24 परगना जिले के विभिन्न थानों में दर्ज हुए थे। इनमें से बीजपुर में नौ, नैहाट्टी में दो और नोआपाड़ा थाने में एक मामला पुलिस ने दर्ज किए थे। 11 जून को न्यायमूर्ति शिवकात प्रसाद की पीठ में मामले पर सुनवाई समाप्त हो गई थी। उस दिन अदालत में 9 मामलों पर सुनवाई हुई थी। सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायमूर्ति शिवकात प्रसाद ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था और पुलिस को निर्देश दिया था कि मुकुल रॉय के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करें। इससे पहले कोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया चली थी, जिसमें दोनों ही पक्षों के अधिवक्ताओं ने अपनी-अपनी दलीलें रखी थी। शिकायतकर्ता के अधिवक्ता शिलादित्य सांन्याल से न्यायाधीश ने कई सवाल पूछे थे। पहला सवाल था कि घटना के छह साल बाद शिकायत क्यों दर्ज कराई गई? उन्होंने यह भी पूछा कि जिन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराई, वे सभी बेरोजागर व गरीब हैं तो उनके रुपये का स्त्रोत क्या है? उस दिन इन सवालों का शिकायतकर्ता के अधिवक्ता कोई जवाब नहीं दे पाए थे।
गौरतलब है कि थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि जब मुकुल रॉय रेल मंत्री थे, उनके साले सृजन रॉय ने कुछ बेरोजगार युवाओं से कांचरापाड़ा रेल कोच फैक्ट्री में नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये लिए थे। शिकायतकर्ताओं ने दावा किया था कि प्रत्येक व्यक्ति से तीन लाख रुपये लिए गए थे। उस समय कांचरापाड़ा में रेल कोच फैक्ट्री लगने की बात थी। फैक्ट्री नहीं लगी। इसे लेकर कुछ माह पूर्व बीजपुर थाने में करीब नौ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने सृजन राय को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। उन शिकायतों में मुकुल के नाम का भी उल्लेख किया गया था। इसके बाद मुकुल ने एफआइआर से अपना नाम हटाने का अनुरोध करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसपर सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने मुकुल के खिलाफ दायर सभी मामलों को खारिज कर दिया।