युवा मस्तिष्क की छिपी प्रतिभा सामने ला सकते हैं वैज्ञानिक संस्थान : हर्षवर्द्धन
केंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्द्धन का मानना है कि देश में युवा मस्तिष्कों की छिपी प्रतिभा वैज्ञानिक संस्थान सामने ला सकते हैं।
जागरण संवाददाता, कोलकाता : केंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्द्धन का मानना है कि देश में युवा मस्तिष्कों की छिपी प्रतिभा वैज्ञानिक संस्थान सामने ला सकते हैं। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री कोलकाता के सेंट्रल ग्लास एंड सेरामिक रिसर्च इंस्टीच्यूट के दौरे के दौरान भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान उत्सव 2018 के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद लखनऊ में पांच से आठ अक्टूबर तक चलने वाले आइआइएसएफ फेस्टिवल का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने आइआइएसएफ के एप को लांच किया। उन्होंने बताया कि अक्टूबर में आइआइएसएफ फेस्टिवल के उद्घाटन से पहले देश के 80 शहरों में इसका शुभारंभ कार्यक्रम होगा। कोलकाता में यह पहला है। विज्ञान व तकनीक का आधुनिकीकरण विकास को गति देता है। उन्होंने वैज्ञानिक संस्थानों से अनुरोध किया कि वे मानवीय मूल्यों का ख्याल रखते हुए लक्ष्य हासिल करने की कोशिश करें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि विज्ञान को आम लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है ताकि इसका अध्ययन आसान हो, जिससे नई-नई खोज और सोच सामने आए। केंद्रीय मंत्री ने कोलकाता के उन वैज्ञानिकों को भी याद किया, जिनका विज्ञान के क्षेत्र में अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार स्टैंड अप इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया जैसे कई कार्यक्रम चला रही है, जहां युवा मस्तिष्क की नई सोच साकार रूप ले रही है।
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'2019 के चुनाव में कोई भी मोदी को हरा नहीं सकता'
कोलकाता : केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता हर्षवर्द्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीतिक रूप से अजेय है और अगले साल के आम चुनावों में उन्हें चुनौती देने के लिए कोई भी नहीं है। ऐसा कोई नहीं है जो नरेंद्र मोदी को हरा सके।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मई, 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही उनकी सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों पर ध्यान केंद्रित कर रखा है क्योंकि पिछले 50-60 वषरें के दौरान इन राज्यों को वह महत्व नहीं मिला था। हर मंत्रालय ने पूर्वोत्तर के लिए नीतियों और योजना तैयार और लागू की है। पूर्वोत्तर के लोगों ने इसे पहचाना और स्वीकार किया है। केंद्र इस क्षेत्र के विकास को लेकर गंभीर है।