मदन तमांग हत्याकांड में गुरुंग ने खुद को बताया निर्दोष
सीबीआइ ने अदालत से विमल गुरुंग समेत 46 आरोपियों के खिलाफ हत्या आपराधिक साजिश के आरोप तय करने का अनुरोध किया है। जिसके बाद नियमित सुनवाई चल रही है।
कोलकाता, [राज्य ब्यूरो] । बहुचर्चित मदन तमांग हत्याकांड में आरोपी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) के प्रमुख विमल गुरुंग ने खुद को निर्दोष बताते हुए बुधवार को दावा किया कि सीबीआइ के पास उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है।
महानगर के बैंकशाल अदालत में मुख्य न्यायाधीश कुंदन कुमार कुमई के समक्ष गुरुंग के वकील मिलन मुखर्जी ने दलील दी कि अखिल भारतीय गोरखा लीग के पूर्व अध्यक्ष मदन तमांग की हत्या में गुरुंग की संलिप्तता का सीबीआइ के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है। उन्होंने मांग की कि इस मामले में हत्या और आपराधिक साजिश के आरोप तय करने से पहले सीबीआइ कोर्ट के समक्ष पुख्ता सबूत पेश करे।
हालांकि उनकी दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने कोई फैसला नहीं सुनाया। मामले की सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी। अदालत सीबीआइ की दलील पर हत्या मामले में विमल गुरुंग सहित 46 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर बहस की सुनवाई कर रही है।
गुरुंग के वकील ने सीबीआइ की यह दलील कि तमांग को मारने के लिए गुरुंग ने गोजमुमो के अन्य नेताओं के साथ मिलकर साजिश रची के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए आधारहीन बताया। उन्होंने दावा किया कि सीबीआइ इस मामले में अब तक कोई भी पुख्ता सबूत देने में नाकाम रही है।
मुखर्जी ने जोर देकर कहा कि पांच साल तक जांच के बावजूद सीबीआइ कोई पुख्ता सबूत नहीं दे सकी। सिर्फ संदेह के आधार गुरुंग व कुछ अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय नहीं किया जा सकता।
गौरतलब है कि मदन तमांग की 21 मई 2010 को दार्जिलिंग में हत्या कर दी गई थी। इससे पहले आठ महिला आरोपियों ने भी खुद को निर्दोष बताते हुए दलील दी थी कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया है। सीबीआइ उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सकी है।
बता दें कि हाल में सीबीआइ ने अदालत से विमल गुरुंग समेत 46 आरोपियों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश के आरोप तय करने का अनुरोध किया है। जिसके बाद नियमित सुनवाई चल रही है। इस मामले में गुरुंग की पत्नी आशा तमांग भी आरोपी हैं।
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