Move to Jagran APP

नौसेना को मिला चौथा पनडुब्बीरोधी युद्धपोत 'कवरत्ती'

- स्वदेशी तकनीक से निर्मित इस युद्धपोत को दुश्मन का रडार भी नहीं पकड़ पाएगा - परमाणु रासा

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 01:07 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 01:07 PM (IST)
नौसेना को मिला चौथा पनडुब्बीरोधी युद्धपोत 'कवरत्ती'
नौसेना को मिला चौथा पनडुब्बीरोधी युद्धपोत 'कवरत्ती'

- स्वदेशी तकनीक से निर्मित इस युद्धपोत को दुश्मन का रडार भी नहीं पकड़ पाएगा

loksabha election banner

- परमाणु, रासायनिक तथा जैविक युद्ध की स्थिति में भी काम करने में सक्षम है 'कवरत्ती' जागरण संवाददाता, कोलकाता : सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रम गार्डेनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) ने मंगलवार को भारतीय नौसेना को पनडुब्बीरोधी युद्धपोत आइएनएस 'कवरत्ती' सौंप दिया। रडार की पकड़ में नहीं आने वाले इस स्वदेशी युद्धपोत मिलने से नौसेना की ताकत और बढ़ेगी। कोलकाता में जीआरएसई के मेन यूनिट में आयोजित एक कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारियों व अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में इसे नौसेना को सौंप दिया गया। इस मौके पर जीआरएसई के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक रियर एडमिरल (रिटायर्ड) वीके सक्सेना ने बताया कि कवरत्ती उन चार पनडुब्बीरोधी लड़ाकू युद्धपोतों में से अंतिम है जिसका निर्माण जीआरएसई ने परियोजना पी-28 के तहत भारतीय नौसेना के लिए किया है। सक्सेना ने बताया कि इस युद्धपोत के सभी परीक्षण सफल और पूरे होने के बाद इसे नौसेना को सौंपा गया है। उन्होंने बताया कि कवरत्ती जीआरएसई द्वारा निर्मित 104वां युद्धपोत है। इसके 90 फीसद उपकरण स्वदेश निर्मित है और अत्याधुनिक तकनीक की मदद से बने इस युद्धपोत की देखरेख की आवश्यकता भी कम होगी। उन्होंने कहा कि यह युद्धपोत परमाणु, रासायनिक तथा जैविक युद्ध की स्थिति में भी काम करने में सक्षम है। जीआरएसई द्वारा निर्मित इस श्रेणी के तीन अन्य पनडुब्बीरोधी युद्धपोतों- आइएनएस कमोर्ता, आइएनएस किदमत और आइएनएस किलता को पहले ही नौसेना को सौंपा जा चुका है। इन युद्धपोतों के नाम लक्षद्वीप समूह के द्वीपों के नाम पर रखे गए हैं।

बताया गया कि 25 नॉटिकल माइल्स से अधिक की स्पीड हासिल करने में सक्षम 'कवरत्ती' युद्धपोत चार डीजल इंजनों से लैस है और इसका वजन 3250 टन है। इसकी लंबाई 109 मीटर और चौड़ाई 12.8 मीटर है। यह युद्धपोत अत्याधुनिक हथियारों, रॉकेट लांचर, एकीकृत हेलीकॉप्टरों और सेंसर से लैस है। किसी भी स्थिति में यह समुद्र में दुश्मन के पनडुब्बियों को बेअसर व नेस्तनाबूत करने की क्षमता रखता है। माना जा रहा है कि रडार की पकड़ में नहीं आने की वजह से नौसेना की ताकत में इजाफा होगा। इस युद्धपोत में 17 अधिकारियों और 106 नाविकों के बैठने व रहने की पूरी व्यवस्था है। इस युद्धपोत का डिजाइन नौसेना डिजाइन निदेशालय द्वारा किया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.