अजब प्रेम की गजब कहानी, कालना का दूल्हा, कनाडा की दुल्हन
स्कूल की छुट्टी के दौरान एक बार कैथरीन भारत घूमने आई और वहीं से शुरू हुई एक गजब की प्रेम कहानी।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। कहां कनाडा और कहां कालना! हजारों मीलों का फासला। लेकिन प्यार चाहने वालों को सात समंदर पार भी खींच ले लाता है। सालभर पहले की ही बात है। एक तरफ बंगाल के कालना के आश्रमपाड़ा के वाशिंदा टिंकू राय। पेशे से योगा शिक्षक। दूसरी तरफ कनाडा की गोरी मेम कैथरीन।
कैथरीन स्कूल में बच्चों को पढ़ाती थी। स्कूल की छुट्टी के दौरान एक बार कैथरीन भारत घूमने आई और वहीं से शुरू हुई एक गजब की प्रेम कहानी। प्यार ऐसा परवान चढ़ा कि भाषा, संस्कृति, भौगोलिक स्थिति सबकुछ भिन्न होने के बावजूद टिंकू और कैथरीन एक हो गए।
कैथरीन के माथे पर अब सिंदूर है, हाथों में चूड़ियां खनकती हैं और शरीर पर बंगाल की साड़ी। वह ससुरालवालों के लिए चाय बनाती है। रोटियां भी बेल लेती है। उसने बांग्ला के कुछ शब्द भी सीख लिए हैं। कैथरीन ने बताया कि भारतीय संस्कृति उसे शुरू से ही आकर्षित करती रही है इसीलिए वह भारत घूमने आई थी।
ऋषिकेश में एक योग कार्यक्रम में उसकी टिंकू से पहली बार मुलाकात हुई। पहले दोस्ती हुई, फिर धीरे-धीरे प्यार हो गया। वापस अपने देश लौटकर मैसेंजर के जरिए दोनों में बातचीत होती रही। उसने ही शादी का प्रस्ताव रखा। सुनकर पहले तो टिंकू घबरा गया। सोचने लगा कि एक विदेशी लड़की गांव के माहौल में उसके परिवार के बीच कैसे रहेगी? लेकिन कैथरीन अड़ी रही। इसके बाद दोनों परिवारों के बीच बातचीत हुई।
कैथरीन के कहने पर टिंकू कनाडा उसके घर भी गया। वीडियो कॉल करके अपने माता-पिता से कैथरीन के माता-पिता की बात कराई। सब कुछ पक्का हो गया। इसके बाद कालना के आश्रमपाड़ा में शादी की तैयारियां शुरू हुईं और बंगाली रीति-रिवाज से दोनों की शादी हुई।
कैथरीन से उसके ससुरालवाले बहुत खुश हैं। पड़ोस के लोग भी कह रहे हैं कि कैथरीन यहां के कायदे तेजी से सीख रही है। भाषा, संस्कृति, भौगोलिक स्थिति सबकुछ भिन्न होने के बावजूद एक-दूसरे के हो गए टिंकू और कैथरीन।