Move to Jagran APP

बांग्ला सीखेंगे बंगाल के राज्यपाल, चुना खास दिन, अनुष्ठान में मुख्यमंत्री को भी न्योता

26 जनवरी को शाम पांच बजे राजभवन के पूर्वी लान में हाथे खोड़ी कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। गौरतलब है कि बंगाल की परंपरा के मुताबिक सरस्वती पूजा के दिन से बच्चे की पढ़ाई शुरू होती है। इस दिन बच्चे के हाथ में स्लेट व चाक पकड़ाया जाता है।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Thu, 19 Jan 2023 07:39 PM (IST)Updated: Thu, 19 Jan 2023 07:39 PM (IST)
बांग्ला सीखेंगे बंगाल के राज्यपाल, चुना खास दिन, अनुष्ठान में मुख्यमंत्री को भी न्योता
भाषा सीखने के बाद बांग्ला में किताब लिखेंगे सीवी आनंद बोस

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कुछ दिन पहले ही बांग्ला भाषा में एक किताब लिखने की इच्छा व्यक्त की थी। उसके लिए अब वे बांग्ला सीखने जा रहे हैं। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस और सरस्वती पूजा के दिन राजभवन में पूजा का आयोजन किया जा रहा है। सरस्वती पूजा के दिन स्लेट और चाक लेकर वह बांग्ला भाषा सीखने की शुरुआत करेंगे। इस अवसर पर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी निमंत्रण भेजा है।

loksabha election banner

इस अनुष्ठान को 'हाथे खोड़ी' कहते हैं

26 जनवरी को शाम पांच बजे राजभवन के पूर्वी लान में 'हाथे खोड़ी' (हाथ में चाक) कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। गौरतलब है कि बंगाल की परंपरा के मुताबिक सरस्वती पूजा के दिन से बच्चे की पढ़ाई शुरू होती है। इस दिन बच्चे के हाथ में स्लेट व चाक पकड़ाया जाता है। इस अनुष्ठान को 'हाथे खोड़ी' कहते हैं। राज्यपाल कार्यभार संभालने के बाद कई बार बंगाल के प्रति अपना प्यार जता चुके हैं और यहां की संस्कृति के प्रति अपने लगाव का भी इजहार कर चुके हैं।

नेताजी से प्रेरित होकर 'बोस' उपनाम किया धारण

राज्यपाल के उपनाम के पीछे बंगाल के महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस हैं। उन्होंने बताया-'मेरे पिता स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने नेताजी के दिखाए रास्ते का अनुसरण करते हुए निश्चय किया था कि उनके सभी पुत्रों का उपनाम 'बोस' होगा। मेरे सभी भाइयों और बहनों का उपनाम बोस है-मोहन बोस, आनंद बोस, सुंदर बोस, सुकुमार बोस, कमला बोस और इंदिरा बोस।

राज्यपाल ने कोलकाता से ही अपने करियर की शुरुआत की थी

राज्यपाल को बंगाल की संस्कृति से विशेष प्रेम है। उन्होंने कहा-'बंगाल से मेरा पुराना नाता है। एक बैंकर के रूप में मेरा करियर कोलकाता से शुरू हुआ था। कोलकाता में श्यामबाजार, चौरंगी, रासबिहारी एवेन्यू में स्टेट बैंक आफ इंडिया में प्रोबेशनरी आफिसर के रूप में काम किया था। बंगाल मेरे लिए अपरिचित नहीं है। मैं बंगाल की संस्कृति और कला से भली-भांति परिचित हूं।' ..

यह भी पढ़ें- टाइगर मच्छर पर बेअसर हो रहे कीटनाशक, जानिए क्या है बचाव

यह भी पढ़ें- Fact Check: नोटों पर कुछ लिखे होने से उसके अवैध या अमान्य होने का दावा गलत और मनगढ़ंत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.