राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा- ममता सरकार के कारण बंगाल के किसान 8,400 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष लाभ से वंचित
धनखड़ ने कहा- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम को सूबे में लागू नहीं करने से प्रत्येक किसान को पिछले दो साल में 12000 रुपये का लाभ नहीं मिल पाया। राज्यपाल इससे पहले ही इसे लेकर तृणमूल सरकार की आलोचना कर चुके हैं।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बंगाल की ममता सरकार पर एक और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके केंद्र विरोधी रवैये के कारण सूबे के किसानों को 8,400 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष लाभ से वंचित होना पड़ा है। राज्य सरकार की ओर से 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीमÓ को बंगाल में लागू करने से इन्कार करने के कारण प्रत्येक किसान को पिछले दो साल में 12,000 रुपये का लाभ नहीं मिल पाया।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सितंबर में केंद्रीय कृषि मंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि फंड के प्रवाह का अधिकार राज्य सरकार के हाथों में दिए जाने पर ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम को बंगाल में लागू किया जाएगा। इस स्कीम को दिसंबर, 2018 में शुरू किया गया था। इसके तहत केंद्र सरकार किसानों को तीन किस्तों में सालाना 6,000 रुपये का भुगतान करती है। राज्यपाल इससे पहले ही इसे लेकर तृणमूल सरकार की आलोचना कर चुके हैं।
उन्होंने कहा था कि बंगाल के 70 लाख किसान इस योजना का लाभ उठाने से वंचित हैं। गौरतलब है कि राजभवन और राज्य सचिवालय में टकराव जगजाहिर है। राज्यपाल आए दिन किसी न किसी मसले को लेकर ममता सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। वहीं तृणमूल सरकार उन्हें सीधे तौर पर भाजपा का एजेंट करार दे चुकी है।
राज्यपाल आयुष्मान भारत योजना को बंगाल में लागू नहीं करने को लेकर भी ममता सरकार पर निशाना साध चुके हैं। उन्होंने कहा था कि बंगाल में इस योजना को लागू किया गया होता तो यहां स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति काफी बेहतर होती। कोरोना ने बंगाल की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को जगजाहिर कर दिया है। बंगाल के लोग इसकी भारी कीमत चुका रहे हैं।