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राज्यपाल नहीं मान रहे संविधान, भाजपा के मुखपत्र से भी अधिक खतरनाक तरीके से कर रहे हैं काम : ममता

राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा राज्य की शिक्षा प्रणाली को राजनीतिक बंदी बनाए जाने के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को उनपर पलटवार करते हुए जबरदस्त हमला बोला।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 09:03 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 10:48 PM (IST)
राज्यपाल नहीं मान रहे संविधान, भाजपा के मुखपत्र से भी अधिक खतरनाक तरीके से कर रहे हैं काम : ममता
राज्यपाल नहीं मान रहे संविधान, भाजपा के मुखपत्र से भी अधिक खतरनाक तरीके से कर रहे हैं काम : ममता

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा राज्य की शिक्षा प्रणाली को राजनीतिक बंदी बनाए जाने के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को उनपर पलटवार करते हुए जबरदस्त हमला बोला।ममता ने कहा कि राज्यपाल अपनी मर्यादा का ख्याल नहीं रख रहे हैं और वे भाजपा के मुखपत्र की तुलना से भी अधिक खतरनाक तरीके से काम कर रहे हैं। राज्यपाल के आरोप को खारिज करते हुए ममता ने कहा कि ऐसा लगता है कि हम नौकर हैं। उन्होंने कहा कि हम राज्यपाल के साथ नियमित संपर्क में हैं और बुधवार को भी मैंने उनसे 4 बार बात की है। राज्य सचिवालय नवान्न में पत्रकारों से बात करते हुए ममता ने आरोप लगाया कि राज्यपाल लगातार किसी न किसी मुद्दे पर राज्य सरकार को निशाना बना रहे हैं। हर दिन वह पत्र व ट्विटर के जरिए राज्य सरकार से जवाब मांगते रहते हैं। उन्होंने कहा कोरोना संकट के बावजूद राज्य सरकार उन्हें हरसंभव जानकारी उपलब्ध कराती है, फिर भी वह झूठे आरोप लगाते रहते हैं।

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उन्होंने कहा कि यह ऐसा है जैसे हम उनके नौकर हैं और वेतन ले रहे हैं और हमें हर पल उन्हें जवाब देना होगा। राज्य की शिक्षा व्यवस्था को लेकर धनखड़ द्वारा आलोचना करने पर ममता ने कहा कि एक राज्यपाल राजनीतिक दल की तरह बात नहीं कर सकते हैं।राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाते हुए ममता ने कहा कि वे (धनखड़) न ही संविधान का पालन कर रहे हैं और न ही प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय का अनुसरण कर रहे हैं। ममता ने जोर देकर कहा कि एक चुनी हुई सरकार को राज्यपाल परेशान कर रहे हैं।

राज्यपाल द्वारा वर्चुअल बैठक में शामिल नहीं होने वाले कुलपतियों से स्पष्टीकरण मांगे जाने पर ममता ने कहा कि हम कुलपतियों का सम्मान करते हैं और उन्हें हमारा 100 फीसद समर्थन है। उन्होंने कहा कि कुलपतियों को राज्यपाल की धमकी से डरने की जरूरत नहीं है, सरकार उनके साथ है। ममता ने 2017 में विधानसभा द्वारा पारित उस कानून का भी हवाला दिया जिसमें राज्यपाल को सीधे कुलपतियों के साथ वर्चुअल बैठक करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम को तत्कालीन राज्यपाल की मंजूरी हासिल है। राज्यपाल के यह आरोप कि यहां एडमिशन के लिए छात्रों को पैसा देना होता है इस पर ममता ने कहा कि हमने 2 साल पहले ही ऑनलाइन एडमिशन की व्यवस्था कर दी थी। उन्होंने कहा कि यह यूपी-बिहार व दिल्ली नहीं है जहां पैसा लिया जाता है। उन्होंने दावा किया कि बंगाल पूरे देश में शिक्षा में नंबर वन है।

उल्लेखनीय है कि कोरोना संकट के बीच राज्यपाल ने शिक्षा के हालात पर चर्चा करने के लिए बुधवार को सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की वर्चुअल बैठक बुलाई थी। इसमें राज्य के एक विश्वविद्यालय को छोड़कर 23 कुलपतियों ने हिस्सा नहीं लिया। इस पर नाराजगी जताते हुए गुरुवार को राज्यपाल ने संवाददाता सम्मेलन कर ममता सरकार पर आरोप लगाया कि बंगाल में शिक्षा व्यवस्था राजनीतिक पिंजरे में बंद है। 

विधायक की मौत पर राज्यपाल को आरोप साबित करना होगा : ममता

वहीं, राज्यपाल द्वारा उत्तर दिनाजपुर जिले के हेमताबाद से भाजपा विधायक देबेंद्र नाथ राय की हत्या राजनीतिक प्रतिशोध के तहत होने के दावे पर ममता ने कहा कि राज्यपाल को इसे साबित करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि राज्यपाल इस आरोप को साबित नहीं करते हैं तो वह पद पर बने रहने की विश्वसनीयता गंवा देंगे। ममता ने कहा कि हमारे पास जो अभी तक रिपोर्ट है एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी जो कहा गया है उसके अनुसार यह आत्महत्या है। हालांकि उन्होंने कहा कि सीआइडी इस मामले की जांच कर रही है और पूरी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में अंतिम तौर पर कुछ कहा जा सकेगा।


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