पीएम की सभा में हादसा की जिम्मेदारी नहीं लेगी सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में हुए हादसे पर बंगाल की राजनीतिक गरमा गई है। प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने पुलिस प्रशासन पर हादसे का ठिकरा फोड़ते हुए केंद्रीय नेतृत्व को मौखिक रिपोर्ट दी है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। पश्चिम मेदिनीपुर जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के दौरान टेंट गिरने की घटना की जिम्मेदारी बंगाल सरकार नहीं लेगी। नवान्न सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री की सभा के दौरान हुई दुर्घटना पर सीआइडी ने मंगलवार को सरकार को रिपोर्ट सौंपी।
रिपोर्ट के मुताबिक दुर्घटना के लिए प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सभा के आयोजक और प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगे एसपीजी जिम्मेदार है। सीआइडी के की प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार टेंट लगाने और मंच तैयार करने में थोड़ी बहुत खामियां थी। इसके अतिरिक्त बरसात में मिट्टी गिली होना भी एक कारण हो सकता है।
राज्य पुलिस के प्रधानमंत्री के सभा स्थल का निरीक्षण कर स्वीकृति देने के बाद उसमें कुछ फेरबदल किया गया। उसके बाद एक सप्ताह पहले ही एसपीजी ने सभा स्थल को अपने कब्जा में लिया था। ऐसी स्थिति में राज्य पुलिस या स्थानीय प्रशासन को कुछ करना नहीं था।
नवान्न सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री की सभा के दौरान हुई दुर्घटना की जांच केंद्र के करने पर राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं है।
गृह विभाग के हवाले से एक अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा अहम है। इसलिए केंद्र सरकार उनकी सभा के दौरान हुई दुर्घटना की जांच कर ही सकती है। इसमें राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं है।
आयोजक जिम्मेवारी से नहीं बच सकता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में हुए हादसे पर बंगाल की राजनीतिक गरमा गई है। प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने पुलिस प्रशासन पर हादसे का ठिकरा फोड़ते हुए केंद्रीय नेतृत्व को मौखिक रिपोर्ट दी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने मंगलवार को हादसे के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेवार बताते हुए कहा कि सभा की तैयारी को लेकर पुलिस प्रशासन ने एक बार फिर भाजपा नेताओं के साथ बैठक नहीं की। यही नहीं भारी भीड़ होने के दौरान जब लोग पंडाल में लगे लोहे पर चढ़ रहे थे तो उसे उतारने का भी प्रयास नहीं किया।
वहीं राज्य भाजपा के महासचिव सायंतन बसु का कहना है कि भीड़ इतनी अधिक हो गई थी कि उसे संभालने का पुलिस ने कोई प्रयास नहीं किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एसपीजी के आइजी ने घटना के समय एसपी को फोन किया था लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी घोष को फोन कर जानकारी ली है। उन्होंने शाह को विस्तारित रिपोर्ट दी है।
केंद्रीय टीम ने जिला प्रशासन के साथ की बैठक
दूसरी ओर खबर है कि पड़ताल के लिए केंद्र ने पीएमओ व एसपीजी की जांच टीम भेजी है जिन्होंने ठेकेदार व डेकोरेटर को तलब किया। इसके बाद इस टीम ने भी मौके पर पहुंच कर जांच की है। पीएमओ के संयुक्त सचिव भी पहुंचे हैं जिन्होंने जिला पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को तलब कर बैठक की।
एडीजी (आइबी) व एसपी ने मौके पर लिया जायजा
मंगलवार को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आइबी) सिद्धिनाथ गुप्ता, जिला पुलिस अधीक्षक आलोक राजोरिया समेत कई सीनियर पुलिस अधिकारी सभा स्थल पर पहुंच कर छानबीन की। सीआइडी की भी टीम पहुंची।
ढांचा निर्माण में कोताही : विशेषज्ञ
वहीं सेंट्रल फॉरेंसिक लैब के विशेषज्ञ चित्राक्ष सरकार ने मौके पर पहुंच कर पंडाल के तैयार किए गए ढांचे के टूटे हुए हिस्से से नमूना संग्रह किया। फॉरेंसिक विशेषज्ञ ने कहा कि प्राथमिक जांच में पंडाल निर्माण के लिए तैयार किए गए ढांचे निर्माण में कई कोताही बरती गई थी। चार होल वाले स्थान पर एक नट-बोल्ट का इस्तेमाल किया गया था। निचले हिस्से से अधिक भार ऊपरी हिस्से का था, जिसकी वजह से पंडाल हिला चुका था। पंडाल के अंदर जगह-जगह बारिश के पानी जमे हुए थे। मिट्टी गिली हो गई थी। खंबे को तीन से चार ईंच नहीं मिट्टी में दबाया गया था जो गिली होने के बाद वजन बर्दाश्त नहीं कर सका और पंडाल धराशाई हो गया।
आयोजक, ठेकेदार व डेकोरेट के खिलाफ प्राथमिक
पुलिस जांच के बाद पश्चिम मेदिनीपुर जिला पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 308 (गैर इरादतन हत्या), 337 (जख्मी करने के लिए अनुचित कार्य करना) और 338(गंभीर जख्म देना) के तहत सभा के आयोजक (प्रदेश भाजपा नेतृत्व), कोलकाता के मोहम्मद अली पार्क के निकट के ठेकेदार व डेकोरेटर के खिलाफ गैरजमानती धारा में मुकदमा दर्ज किया है। हालांकि, प्राथमिकी में किसी को नामजद फिलहाल नहीं किया गया है।
भाजपा राज्य नेतृत्व जिम्मेदारी से नहीं बच सकता: तृणमूल
तृणमूल महासचिव व मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि हमलोग पिछले 25 वर्षो से शहीद दिवस पर सभा आयोजित करते हुए आ रहे हैं। आज तक एक भी पंडाल या टेंट नहीं गिरा। इसके लिए आयोजक अपनी जिम्मेवारी से नहीं बच सकते।
घायलों को अस्पताल से मिल रही है छुट्टी
हादसे में जख्मी 90 लोगों में से अधिकांश को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। आरोप है कि प्रदेश भाजपा नेताओं की ओर से उन लोगों को दूसरे दिन घर जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई।