डिलीवरी मैन व कैब चालकों को भी पीएफ व पेंशन के दायरे में लाने की तैयारी कर रही केंद्र सरकार
केंद्र सरकार अब डिलीवरी मैन व कैब चालकों को भी पीएफ व पेंशन के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। गौरतलब है कि निजी क्षेत्र में कार्यरत सभी को पीएफ व पेंशन का लाभ नहीं मिल पाता है। पढ़े पूरी खबर।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। केंद्र सरकार अब डिलीवरी मैन व कैब चालकों को भी पीएफ व पेंशन के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। गौरतलब है कि निजी क्षेत्र में कार्यरत सभी को पीएफ व पेंशन का लाभ नहीं मिल पाता है। न्यूनतम 20 कर्मचारी नहीं होने पर कोई भी संस्था अपने कर्मचारियों को पीएफ व पेंशन की सुविधा प्रदान नहीं करती। इसके अलावा जो लोग किसी संस्था में काम नहीं करते बल्कि स्वनिर्भर पेशे से जुड़े हैं, उन्हें भी पेंशन व पीएफ की सुविधा प्राप्त नहीं होती।
अब उस वर्ग के लिए भी केंद्र सरकार पीएफ व पेंशन शुरू करने जा रही है। इस बाबत सबसे ज्यादा ध्यान 'प्लेटफार्म वर्करों' पर दिया जा रहा है। प्लेटफार्म वर्करों' में वे लोग आते है, जिन्हें नियोक्ता की तरफ से मासिक तौर पर कोई निर्धारित वेतन नहीं दिया जाता लेकिन विभिन्न तरीकों से उनके लिए रोजगार की व्यवस्था की जाती है। इनमें डिलीवरी मैन, कैब चालक इत्यादि शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक देश में समय लाखों कर्मचारी घर-घर जाकर ई-कॉमर्स के उत्पादों की बिक्री व डिलीवरी कर रहे हैं।
कुछ लोग विभिन्न परिवहन संस्थाओं के अधीन टैक्सी या बसे चलाते हैं। उनके लिए केंद्र सरकार पीएफ व पेंशन की व्यवस्था शुरू करने जा रही है। गौरतलब है कि देश में इस समय सरकारी तौर पर तीन तरह की पेंशन स्कीम हैं। पहली नेशनल पेंशन स्की। सरकारी व सरकार के अधीन संस्थाओं का एक अंश इसके दायरे में आता है। दूसरी स्कीम प्रधानमंत्री श्रम योगी है। एनपीएस या पीएफ के दायरे में आने वाले इस स्कीम का लाभ नहीं उठा सकते। तीसरी स्कीम है अटल पेंशन योजना। देश के सभी नागरिक इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा विभिन्न निजी संस्था व बीमा संस्थाओं की अपनी-अपनी पेंशन स्कीम भी हैं। सभी स्कीम के मामले में ग्राहकों को ही किस्त चुकानी पड़ती है। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ऐसी स्कीम लाना चाहता है जहां आम लोग एक साथ पीएफ व पेंशन का लाभ उठा सके।