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West bengal Assembly Election: गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख गुरुंग ने एनडीए से तोड़ा नाता, तृणमूल के साथ मिलाया हाथ

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (GJM) के नेता बिमल गुरुंग ने कहा कि वे न तो अपराधी हैं और न ही राष्ट्र विरोधी। वह एक राजनीतिक नेता हैं। उन्‍हें राजनीतिक बंदोबस्त चाहिए। वे पिछले 2 महीने से दिल्ली और झारखंड में थे।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 07:29 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 09:18 PM (IST)
West bengal Assembly Election: गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख गुरुंग ने एनडीए से तोड़ा नाता, तृणमूल के साथ मिलाया हाथ
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (GJM) के नेता बिमल गुरुंग

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः अलग गोरखालैंड राज्य को लेकर हुए वर्ष 2017 में हुए हिंसक आंदोलन के दौरान कलिम्पोंग थाने पर हुए ग्रेनेड हमला और दार्जिलिंग के चकबाजार क्षेत्र में हुए विस्फोट में गैर कानूनी रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के मामलों में तीन वर्षों से वांछित गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) के दो प्रमुख नेता बिमल गुरुंग और रौशन गिरि अचानक दुर्गापूजा के दौरान बुधवार को कोलकाता में अवतरित हो गए।

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गुरुंग व गिरि ने सीएम ममता की जमकर तारीफ 

इतना ही नहीं देशद्रोह समेत करीब 150 से अधिक मुकदमों में वांछित गुरुंग व गिरि ने कोलकाता में बैठकर संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। संवाददाता सम्मेलन गुरुंग ने राष्ट्रीय गणतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से नाता तोड़ने और पीएम नरेंद्र मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह पर वाद खिलाफी का आरोप लगाया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जमकर तारीफ की।

घोषणा-तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर काम करेंगे 

साथ घोषणा की कि वे तृणमूल के साथ मिलकर काम करेंगे और आगामी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में तृणमूल के साथ मिलकर भाजपा को हराएंगे। तीसरी बार ममता बनर्जी को सीएम बनाने की भी बात कही। गुरुंग के साथ रौशन गिरि के अलावा गोजमुमो के कई और नेता मौजूद थे। 

एससी चिन्हित करने का वादा पूरा करने में नाकाम

गुरुंग ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पहाड़ी क्षेत्र के लिए स्थायी राजनीतिक समाधान तलाशने में नाकाम रही है। केंद्र सरकार 11 गोरखा समुदायों को अनुसूचित जनजाति के तौर पर चिन्हित करने के अपने वादे को पूरा करने में नाकाम रही है।

सूूूूची में 11 गोरखा समुदायों को शामिल नहीं किया

गुरुंग ने कहा कि 2009 से ही हम राजग का हिस्सा रहे हैं, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने पहाड़ के लिए स्थायी राजनीतिक समाधान निकालने का अपना वादा नहीं निभाया। उसने अनुसूचित जनजाति की सूची में 11 गोरखा समुदायों को शामिल नहीं किया। हम ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, इसलिए हम राजग छोड़ रहे हैं।

पीएम मोदी पर लगाया वादा पूरा नहीं करने का आरोप

गोजमुमो नेता गुरुंग साल्टलेक के गोरखा भवन में पहले संवाददाता सम्मेलन करने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने गोरखा भवन में प्रवेश की अनुमति गुरुंग और उनके साथियों को नहीं दी। इसके बाद उन्होंने एक पांच तारा होटल में संवाददाता सम्मेलन किया।

...इसलिए गोरखालैंड की मांग हमलोगों की अब भी है 

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने गोरखालैंड को लेकर सिर्फ आश्वासन दिया था लेकिन छह वर्ष बीत गए अब तक वादा पूरा नहीं किया। वहीं ममता बनर्जी ने जो भी वादे किए थे वह सब पूरा किया। इसीलिए गोरखालैंड की मांग हमलोगों की अब भी है। परंतु, अब गोजमुमो भाजपा के साथ नहीं है। पार्टी भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी।

सवाल के जवाब में कहा-दो माह पहले झारखंड गए थे

वर्ष 2024 के चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि जो भी दल हमारी मांगों को पूरा करेगी हम उनका साथ देंगे। गुरंग ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पहाड़ छोड़ने के बाद वह तीन साल नई दिल्ली में रहे और दो माह पहले झारखंड चले गए थे। उन्होंने कहा कि अगर आज मैं गिरफ्तार हो गया तो कोई दिक्कत नहीं।


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