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1971 के युद्ध में मिली विजय की याद में बीएसएफ ने शुरू की 1200 किलोमीटर की स्वर्ण जयंती शौर्य प्रदर्शनी यात्रा

पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में भारत की ऐतिहासिक विजय और बांग्लादेश की मुक्ति के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देश में मनाए जा रहे स्वर्णिम विजय वर्ष में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 08:21 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 11:08 PM (IST)
1971 के युद्ध में मिली विजय की याद में बीएसएफ ने शुरू की 1200 किलोमीटर की स्वर्ण जयंती शौर्य प्रदर्शनी यात्रा
कोलकाता से शुरू हुई यात्रा 20 दिसंबर को गुवाहाटी में होगी समाप्त।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में भारत की ऐतिहासिक विजय और बांग्लादेश की मुक्ति के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देश में मनाए जा रहे स्वर्णिम विजय वर्ष में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन्हीं कार्यक्रमों की श्रृंखला में जनमानस को मुक्ति युद्ध में बीएसएफ के अतुलनीय योगदान के बारे में बताने के लिए अब दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने स्वर्ण जयंती शौर्य प्रदर्शनी यात्रा का आयोजन कर रहा है।

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शुक्रवार को कोलकाता के न्यूटाउन- राजरहाट स्थित फ्रंटियर मुख्यालय से इस शौर्य प्रदर्शनी यात्रा को बीएसएफ के पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) वाईबी खुरानिया एवं बांग्लादेश के डिप्टी हाई कमिश्नर तौफीक हसन ने वरिष्ठ अधिकारियों व अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर समारोह को संबोधित करते हुए बीएसएफ एडीजी वाईबी खुरानिया ने कहा कि यह यात्रा 18 दिनों में पूरी होगी और पश्चिम बंगाल राज्य से होते हुए असम में बल के गुवाहाटी फ्रंटियर तक लगभग 1,200 किलोमीटर का सफर तय करेगी। 20 दिसंबर, 2021 को गुवाहाटी फ्रंटियर मुख्यालय में यह यात्रा समाप्त होगी।

बीएसएफ अधिकारी ने कहा कि हमें बांग्लादेश मुक्ति योद्धाओं और भारतीय सुरक्षाबलों के बलिदान को याद रखना चाहिए। नयी पीढ़ी को 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में उनकी वीरता से अवगत कराने की आवश्यकता है। यह यात्रा उन सैनिकों की वीरता और साहस को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित की जा रही है जिन्होंने युद्ध में सर्वोच्च बलिदान दिया, जिसके कारण 1971 में बांग्लादेश के रूप में नए राष्ट्र का निर्माण हुआ। यात्रा के दौरान स्थानीय सरकारी अधिकारी और सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग भी शामिल होंगे जो यात्रा को प्रोत्साहित करेंगे।

उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल पूरे प्रयासों के साथ इस यात्रा को सफल करने हेतु कृत संकल्पित है। उल्लेखनीय है कि सन् 1965 में स्थापना के बाद से ही बीएसएफ एक मजबूत सीमा प्रहरी के रूप में बनकर उभरा है। अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा करने वाले बीएसएफ ने 1971 के भारत- पाकिस्तान युद्ध में अपने अदम्य साहस का परचम लहराया था।


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