राज्य ब्यूरो, कोलकाता। दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस परेड में इस बार बंगाल की झांकी को शामिल किया गया है। इस झांकी में दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, कार्तिक और गणेश की मूर्तियां होंगी। इस बार बंगाल की झांकी का थीम महिला सशक्तीकरण है। ममता सरकार का कहना है कि देवी दुर्गा महिला सशक्तीकरण की सबसे बड़ी प्रतीक हैं।

झांकी के चयन को लेकर राज्य और केंद्र में टकराव 

गौरतलब है कि 2021 के दिसंबर में दुर्गा पूजा को यूनेस्को ने 'मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता प्रदान की है। यूनेस्को द्वारा दुर्गा पूजा को सांस्कृतिक विरासत का दर्जा दिए जाने के बाद पिछले साल बंगाल में इसका भव्य आयोजन हुआ था। इसे लेकर केंद्र और बंगाल सरकार ने कई कार्यक्रम आयोजित किए थे।

गणतंत्र दिवस पर बंगाल की सजी-धजी झांकी में दुर्गा की मूतिर्यां कैसे बनती हैं, उनकी आंखें किस तरह तैयार होती हैं (इसे बंगाल में 'चक्षु दान कहा जाता है), प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा किस तरह होती है, ये सब दर्शाया जाएगा। महालया से लेकर दुर्गा पूजा तक हर दिन कैसे पूजा होती है, यह भी झांकी में झलकेगा।

बता दें कि पिछले कुछ वर्षों से झांकी के चयन को लेकर राज्य और केंद्र में टकराव होता रहा है। 2022 में बंगाल द्वारा प्रस्तावित नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर आधारित झांकी का चयन नहीं किया गया था। इससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने काफी क्षुब्ध हुई थीं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी।

केंद्र की ओर से तर्क दिया गया था कि पहले ही नेताजी पर झांकी का चयन हो गया था इसलिए बंगाल की झांकी का चयन नहीं हुआ था। 2022 के गणतंत्र दिवस परेड के लिए बंगाल की ओर से तैयार की गई झांकी का थीम 'नेताजी और आजाद हिंद वाहिनी था।

ये भी पढ़ें- सस्ता डाटा के मामले में भारत पांचवें नंबर पर, डिजिटल ट्रांजेक्शन में नंबर 1, ऑनलाइन शिक्षा 170% बढ़ी

ये भी पढ़ें- Fact Check: अश्विनी चौबे के Video को सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ किया जा रहा वायरल, जानिए पूरा सच

Edited By: Shashank Mishra