बंगाल के वीर जवानों को एयरपोर्ट पर दी गई श्रद्धांजलि
-जवानों ने 'गार्ड ऑफ ऑनर' देकर किया सम्मान -केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने जवानों के पा
-जवानों ने 'गार्ड ऑफ ऑनर' देकर किया सम्मान
-केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने जवानों के पार्थिव शरीर को कंधा दिया
जागरण संवाददाता, कोलकाता : आतंकी हमले में शहीद जवान बबलू सातरा (37) और सुदीप विश्वास के पार्थिव शरीर को शनिवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट लाया गया। एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने शहीदों को कंधा दिया। वहीं जवानों ने 'गार्ड ऑफ ऑनर' देकर शहीदों को सम्मान दिया। केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो एवं भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा सहित अन्य कई लोगों ने जवानों के पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की। मौके पर महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी, भाजपा के प्रदेश महासचिव सायंतन बसु भी उपस्थित थे। हालांकि राज्य सरकार की ओर से कोई मंत्री उपस्थित नहीं थे। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में जवान बबलू सातरा (37) और सुदीप विश्वास भी शहीद हो गए। ये दोनों पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे। शनिवार को अपराह्न करीब 3.30 बजे दोनों का पार्थिव शरीर नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट पर उतरा। एयर फोर्स के विशेष विमान से इन शहीदों का शव पहुंचाया गया। तिरंगे में लिपटे दोनों शहीदों के अंतिम दर्शन के लिए पहले से ही एयरपोर्ट पर हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ मौजूद थी। शहीदों का शव पहुंचते ही एयरपोर्ट पर सीआरपीएफ और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) के जवानों ने उन्हें गॉड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद भाजपा के आसनसोल से सासद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने उन्हें श्रद्धाजलि दी। इसके अलावा कई अन्य लोगों ने उन्हें अंतिम श्रद्धाजलि दी। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। इसके साथ ही हावड़ा के शहीद जवान बबलू सातरा और नदिया जिले के जवान सुदीप विश्वास अमर रहे के नारे भी लग रहे थे। एयरपोर्ट पर अंतिम श्रद्धाजलि के बाद दोनों के शवों को सीआरपीएफ के जवानों की निगरानी में उनके पैतृक आवास के लिए रवाना कर दिया गया। बबलू सातरा (37) हावड़ा के बाउड़िया स्थित चककाशी गाव के रहने वाले थे। वह सीआरपीएफ के 35 नंबर बटालियन के हेड कांस्टेबल थे। उनके परिवार में मा, पत्नी व एक चार साल की बेटी है। तीन बहन और दो भाइयों में एक बबलू सातरा गरीबी से संघर्ष के बूते यहा तक पहुंचे थे। दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। हाल में उन्होंने अपना नया घर बनवाया था। वह काफी समय तक जंगलमहल में भी तैनात थे। शात व शालीन स्वभाव के रूप में परिचित थे। सीआरपीएफ में नौकरी मिलने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में हुई थी। सुदीप विश्वास नदिया जिलान्तर्गत तेहट्ट के हंसपुकिरिया के रहने वाले थे। वह 95 बटालियन के कांस्टेबल थे। सुदीप पाच साल पहले सेना में भर्ती हुए थे।