Gangasagar Fair 2021: गंगासागर मेला- किसी के लिए कमाई का जरिया तो किसी के लिए बेरोजगारी का सबब
सागरद्वीप के लोग हर साल बेसब्री से मकर संक्रांति की प्रतीक्षा करते हैं लेकिन इसी द्वीप पर रहने वाले कुछ लोगों के लिए गंगासागर मेला बेरोजगारी का सबब बन जाता है। ये हैं सागरद्वीप पर टोटो चलाने वाले। मेला चलने के दौरान उनका रोजगार छीन जाता है।
गंगासागर, विशाल श्रेष्ठ। सागरद्वीप में मकर संक्रांति के पावन अवसर पर लगने वाला गंगासागर मेला स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का बड़ा अवसर लेकर आता है। इस मेले में स्थानीय लोग अपनी दुकानें लगाते हैं और अस्थायी होटल खोलते हैं। इससे हर साल उन्हें अच्छी कमाई हो जाती है। कुछ लोगों का तो इसी कमाई से साल गुजारा भी हो जाता है।
यही कारण है कि सागरद्वीप के लोग हर साल बेसब्री से मकर संक्रांति की प्रतीक्षा करते हैं लेकिन इसी द्वीप पर रहने वाले कुछ लोगों के लिए गंगासागर मेला बेरोजगारी का सबब बन जाता है। ये हैं सागरद्वीप पर टोटो चलाने वाले। मेला चलने के दौरान उनका रोजगार छीन जाता है। उन्हें सागर मेले के आसपास तो क्या, सागरद्वीप में कहीं भी टोटो चलाने की अनुमति नहीं दी जाती।
गंगासागर में करीब 200 टोटो चलते हैं। ज्यादातर टोटो कपिल मुनि मंदिर और सागर तट के पास चलते हैं। मंदिर के पास ही उनका अस्थायी स्टैंड भी है। साल के दूसरे समय गंगासागर आने वाले लोगों को वे मंदिर, सागरतट की परिक्रमा करवाकर कचूबेरिया जेटी तक छोड़ आते हैं। इसके बदले प्रति व्यक्ति वे 40 रुपये लेते हैं। सागर मेले के दौरान भारी भीड़ होने के कारण दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें टोटो चलाने की अनुमति नहीं दी जाती।
स्थानीय टोटो चालक गोपाल दोलुई ने कहा-'हर साल नौ से 18 जनवरी तक हम बेरोजगार रहते हैं। दूसरे लोग जहां गंगासागर मेले के दौरान अच्छी कमाई करते हैं वहीं हम हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं। सागर मेला परिसर न सही, अन्य इलाकों में तो हमें टोटो चलाने की अनुमति दी जाए। हमारा भी परिवार है। उनका भी पेट भरना पड़ता है।।'
एक अन्य टोटो चालक शेख सोफिजुल ने कहा-'सागर मेले के दौरान गंगासागर में जब बसें चल सकती हैं तो टोटो क्यों नहीं? टोटो चलने से बसों पर दबाव कम होगा। हम इस बाबत अपने संगठन सागर ब्लाक रिक्शा ओ वैन चालक कल्याण समिति के जरिए कई बार प्रशासन से अनुरोध कर चुके हैं लेकिन अबतक इसपर विचार नहीं किया गया है।'