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Gangasagar Fair 2021: शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वतीजी महाराज ने कहा- मिलन, नमन और दमन तीनों में निपुण हैं पीएम मोदी

Gangasagar Fair 2021 शंकराचार्य ने धर्म के मामलों में राजनीति को लेकर फिर जताई नाराजगी शंकराचार्य ने मोदी को वर्तमान में नंबर एक वैश्विक राजनेता करार दिया। शंकराचार्य ने पीएम मोदी वर्तमान में नंबर एक वैश्विक राजनेता करार देते हुए कहा-पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग लग चुका है।

By PRITI JHAEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 03:09 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 03:30 PM (IST)
Gangasagar Fair 2021: शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वतीजी महाराज ने कहा- मिलन, नमन और दमन तीनों में निपुण हैं पीएम मोदी
पुरी पीठ के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वतीजी महाराज

गंगासागर, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिलन, नमन और दमन, तीनों में निपुण हैं। वे वर्तमान में विश्व के नंबर एक राजनेता भी हैं। पुरी पीठ के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वतीजी महाराज ने बुधवार को यहां पीएम मोदी के बारे में ये विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा- मैं जवाहरलाल नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक, देश के सभी प्रधानमंत्रियों की समीक्षा करता आ रहा हूं। कूटनीति के तीन प्रमुख अंग है- मिलन, नमन और दमन। जो इन तीनों में निपुण होता है, वही कूटनीति का मर्मज्ञ होता है। पीएम मोदी इन तीनों में निपुण हैं।' हालांकि शंकराचार्य ने आगे यह भी कहा कि इसमें निपुण होने के साथ-साथ इस बात का ज्ञान होना भी जरूरी है कि किनका दमन किया जाना चाहिए और किनका नहीं।

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शंकराचार्य ने पीएम मोदी वर्तमान में नंबर एक वैश्विक राजनेता करार देते हुए कहा-'पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग लग चुका है। मोदी के कारण ही अब पाकिस्तान भारत पर हमला करने की हिम्मत नहीं दिखा पाता। मोदी ने भारत की सीमाओं को सुरक्षित किया है।'

शंकराचार्य ने पीएम मोदी से जुड़ा संस्मरण बयां करते हुए कहा-' प्रधानमंत्री बनने से कुछ समय पहले मोदी पुरी आए थे और मुझसे 45 मिनट मुलाकात की थी। उस दौरान मोदी ने मुझसे जीवन में कम से कम गलतियां करने का आशीर्वाद मांगा था। मैंने जब उनसे पूछा था कि कम गलतियां करने के बजाय कोई गलती नहीं करने का आशीर्वाद क्यों मांग रहे तो मोदी ने इसका उत्तर देते हुए कहा था कि वे भी इंसान हैं और उनसे भी गलतियां हो सकती हैं।'

शंकराचार्य ने धर्म के मामले में राजनीति को लेकर एक बार फिर नाराजगी जाहिर की और कहा कि जवाहरलाल नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक धर्म को लेकर राजनीति होती आ रही है। शासन तंत्र को कभी धार्मिक व आध्यात्मिक तंत्र के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। यह राष्ट्र के भविष्य के लिए घातक साबित हो सकता है। शंकराचार्य अयोध्या में राम मंदिर के भव्य रूप में निर्माण के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा-'मैं हमेशा से कहता आया हूं कि धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थलों में नहीं बदला जाना चाहिए। इससे उनका धार्मिक महत्व कम हो जाता है। मठ-मंदिर शिक्षा, रक्षा, मोक्ष, धर्म के स्थान हैं।

शंकराचार्य ने कोरोना महामारी को पश्चिमी देशों की विकास की अंधी दौड़ का नतीजा बताया और सरकारों को इससे सावधान होने की हिदायत देते हुए कहा कि सबक नहीं लेने पर आने वाले समय में कोरोना से भी घातक बीमारियां पैदा होंगी, जिनकी दवा तैयार कर पाना भी मुश्किल होगा।' 


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