अब बंगाल विधानसभा में नहीं होगा कोई एंग्लो इंडियन सदस्य
-विधानसभा स्पीकर को राज्यसभा सचिवालय का निर्देश -10 जनवरी से पहले विधानसभा से पारित करना होगा प
-विधानसभा स्पीकर को राज्यसभा सचिवालय का निर्देश
-10 जनवरी से पहले विधानसभा से पारित करना होगा प्रस्ताव
जागरण संवाददाता, कोलकाता : बंगाल विधानसभा में अब एंग्लो इंडियन समुदाय का कोई नामित सदस्य नहीं होगा। इस बाबत राज्यसभा सचिवालय ने एक निर्देश राज्य विधानसभा के स्पीकर विमान बनर्जी को भेजा है। जिसमें कहा गया है कि 126वीं संविधान संशोधन विधेयक के 12 दिसंबर को राज्यसभा में पास हो जाने के बाद देश भर की लोकसभा व विधानसभा सीटों के लिए एससी-एसटी के आरक्षण को अगले 10 वषरें (26 जनवरी 2020 से) के लिए विस्तार (एक्सटेंशन) दे दिया गया है। वहीं, नामित सदस्य के रूप में एंग्लो इंडियन समुदाय को मिलनेवाले आरक्षण को एक्सटेंशन नहीं मिला है। इससे उक्त प्रावधान 25 जनवरी को अपने आप निरस्त हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि 294 सदस्यीय बंगाल विधानसभा में फिलहाल एक मनोनीत सदस्य उक्त संप्रदाय के हैं। विधानसभा में माइकल सेन कलवर्ट एंग्लो इंडियन संप्रदाय के मनोनीत सदस्य हैं। इस संदर्भ में राज्य विधानसभा के स्पीकर विमान बनर्जी ने बताया कि उक्त विधेयक से संबंधित राज्यसभा सचिवालय की एक चिट्ठी उन्हें प्राप्त हुई है, जिसे उन्होंने संसदीयकार्य विभाग को सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही और सदन में चर्चित विषयों का निर्धारण संसदीय कार्य विभाग ही करता है और वे इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं।
गौरतलब है कि लोकसभा, राज्यसभा सहित राज्य विधानसभा में एंग्लो इंडियन संप्रदाय के लिए पिछले 70 साल से आरक्षण है। विधानसभा के सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा सचिवालय ने बंगाल विधानसभा सचिवालय को इस संदर्भ में एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि उक्त विधेयक को 10 जनवरी तक राज्य विधानसभा से पारित कर केंद्र को भेजें। बता दें कि 9 जनवरी को विधानसभा की विशेष सत्र महज दो घंटे के लिए बुलाई गई है।