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बहन का इलाज नहीं करा पाए टैक्सी चालक ने गरीबों के लिए खोला नि:शुल्क अस्पताल

इस गांव के एक वाशिंदा ने वो कर दिखाया है, जिसकी दाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 14 May 2018 08:35 AM (IST)Updated: Mon, 14 May 2018 04:04 PM (IST)
बहन का इलाज नहीं करा पाए टैक्सी चालक ने गरीबों के लिए खोला नि:शुल्क अस्पताल
बहन का इलाज नहीं करा पाए टैक्सी चालक ने गरीबों के लिए खोला नि:शुल्क अस्पताल

कोलकाता, जागरण संवाददाता। कोलकाता से करीब 55 किलोमीटर दूर दक्षिण 24 परगना जिले का पुनरी गांव। सूबा तो क्या, जिले के नक्शे में भी खोजे नहीं मिलेगा। लेकिन इसी गांव के एक वाशिंदा ने वो कर दिखाया है, जिसकी दाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी है। ये शख्स हैं सैदुल लस्कर। उम्र करीब 40 साल। पेशे से टैक्सी चालक। अपने मजबूत इरादे के बूते सैदुल ने गरीबों के लिए अस्पताल खोलकर दिखाया है, जहां इलाज बिल्कुल नि:शुल्क है।

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बहन की बिना इलाज मौत ने जगाया अस्पताल खोलने का जज्बा

सैदुल ने 2004 में अपनी छोटी बहन मारुफा को खो दिया। वह महज 17 साल की थी और छाती के संक्रमण से पीडि़त थी। गरीब सैदुल ने पास उसका इलाज कराने के लिए पैसे नहीं थे। मुफलिसी ने उनसे उनकी मारुफा छीन ली।

बहन की मौत ने सैदुल को हिलाकर रख दिया लेकिन जल्द ही सैदुल ने खुद को संभाला और एक बड़ा इरादा कर लिया-वह अपने आसपास रहने वाले किसी को भी बिना इलाज मरने नहीं देगा। सैदुल ने बताया-'मैंने ठान लिया कि मुझे कुछ ऐसा करना है कि कोई गरीब बिना इलाज के दम न तोड़े। कोई भाई मेरी तरह अपनी बहन को न खोए। मैंने गरीबों के लिए नि:शुल्क अस्पताल खोलने का फैसला किया।

बीवी ने दिया पूरा साथ

सैदुल ने बताया-'इस मिशन में मेरी बीवी शमीमा ने पूरा साथ दिया। उसके समर्थन के बिना यह संभव नहीं हो पाता। जब मैंने अस्पताल खोलने का फैसला किया तो मेरे बहुत से करीबियों ने मुझे पागल समझते हुए दूरी बना ली थी लेकिन शमीमा चट्टान की तरह मेरे साथ खड़ी रही। उसने अस्पताल के लिए जमीन खरीदने को अपने सारे जेवर भी मुझे दे दिए थे।'

सृष्टि के रूप में मिली नई बहन

कहते हैं तकदीर कुछ छीन लेती है तो कुछ देती भी है। सैदुल ने बताया-'मेरी सृष्टि घोष नामक महिला से मुलाकात हुई। मेरी आपबीती सुनकर उन्होंने अपने पहले महीने की पूरी तनख्यवाह अस्पताल खोलने के लिए दान कर दी। सृष्टि में मुझे मेरी खोई बहन नजर आती है।' सैदुल का सपना 12 साल बाद इस साल 17 फरवरी को पूरा हुआ। दो मंजिला अस्पताल का 'मारुफा स्मृति वेलफेयर फाउंडेशन' नाम रखा गया है। सैदुल ने इस अस्पताल का उद्घाटन सृष्टि से ही करवाया। उद्घाटन वाले दिन 286 मरीजों का इलाज किया गया। सैदुल ने बताया-'इस अस्पताल को चार मंजिला कर 50 बेड वाला बनाने की योजना है, जहां एक्सरे और इसीजी की भी व्यवस्था होगी। अस्पताल के पूरी तरह परिचालित हो जाने पर 100 गांवों के लोगों को इसका लाभ मिलेगा। अस्पताल में वर्तमान में आठ डाक्टर हैं, जो नि:शुल्क सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। 'बानचरी' नामक गैरसरकारी संगठन ने अस्पताल के लिए चिकित्सा उपकरण प्रदान किए हैं।

पीएम मोदी ने 'मन की बात' में किया था जिक्र

पीएम नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर प्रसारित होने वाले अपने कार्यक्रम 'मन की बात' में सैदुल का जिक्र करते हुए उनकी कोशिश की प्रशंसा की थी। सैदुल ने बताया-'प्रधानमंत्री की बातों से मुझे और बल मिला है। उनके जिक्र करने के बाद बहुत से लोगों ने मुझसे संपर्क किया है। कई स्थानीय ठेकेदारों ने अस्पताल के निर्माण के लिए मुझे बालू, ईंट और सीमेंट देकर मदद की है। चेन्नई के एक डाक्टर ने मेरे अस्पताल से जुड़कर मरीजों का इलाज करने की भी इच्छा जताई है।' 


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