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Bengal Violence: बंगाल के मृत भाजपा कार्यकर्ताओं की याद में चार केंद्रीय मंत्री निकालेंगे शहीद सम्मान यात्रा

West Bengal भाजपा प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष के मुताबिक चार केंद्रीय मंत्री बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के परिजनों से मुलाकात करेंगे और उन्हें आश्वस्त करेंगे कि पार्टी उनके साथ है। भाजपा ने इसे शहीद सम्मान यात्रा नाम दिया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 14 Aug 2021 07:14 PM (IST)Updated: Sat, 14 Aug 2021 07:14 PM (IST)
Bengal Violence: बंगाल के मृत भाजपा कार्यकर्ताओं की याद में चार केंद्रीय मंत्री निकालेंगे शहीद सम्मान यात्रा
बंगाल हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं की याद में चार केंद्रीय मंत्री निकालेंगे शहीद सम्मान यात्रा।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा में भाजपा के कई कार्यकर्ता मारे गए हैं। इस संबंध में भाजपा लगातार प्रदेश की ममता सरकार को घेरती रहती है। इसी बीच, भाजपा प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने स्वतंत्रता दिवस समारोह से ठीक पहले पार्टी की योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बंगाल के नवनियुक्त चार केंद्रीय मंत्री प्रदेश में शहीद सम्मान यात्रा निकालेंगे। वे यहां राजनीतिक हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के परिजनों से मिलेंगे। प्रदेश में चुनाव के बाद हुई हिंसा में 55 भाजपा कार्यकर्ता मारे गए हैं।मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल के दौरान बंगाल के चार भाजपा सांसदों को राज्य मंत्री बनाया गया था। बंगाल के सभी केंद्रीय मंत्रियों के पार्टी आलाकमान ने अहम जिम्मेदारी सौंपी है। जिसके तहत वह राजनीतिक हिंसा में मारे गए पार्टी कार्यकर्ताओं के परिजनों से मुलाकात करेंगे और उन्हें आश्वस्त करेंगे कि पार्टी उनके साथ है। भाजपा ने इसे शहीद सम्मान यात्रा नाम दिया है। जिसके तहत भाजपा ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन करेगी। मोदी मंत्रिमंडल में बंगाल के सुभाष सरकार, जान बारला, शांतनु ठाकुर और निशीथ प्रमाणिक को जगह मिली है। 17 से लेकर 19 अगस्त तक यह यात्रा निकालने की तैयारी है। 

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गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को राज्य में विधानसभा चुनाव बाद हुई कथित हिंसा पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की जांच समिति की रिपोर्ट के सिलसिले में पूरक हलफनामा दाखिल करने के लिए 31 जुलाई तक का समय दिया था। वहीं दूसरी ओर, एनएचआरसी की रिपोर्ट को चुनौती देते हुए तृणमूल कांग्रेस के दो विधायकों ने कलकत्ता हाई कोर्ट में मामला दायर किया है। बुधवार को हाईकोर्ट में चुनाव बाद हिंसा में मारे गए भारतीय जनता पार्टी की मजदूर शाखा के दिवंगत नेता अभिजीत सरकार की डीएनए रिपोर्ट भी अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल ने पीठ को सौंपी। अदालत ने पहचान स्थापित करने के लिए सरकार के डीएनए का मिलान उनके भाई से कराने का निर्देश दिया था। क्योंकि अभिजीत के भाई ने सवाल उठाया था कि पोस्टमार्टम किया गया उनके भाई का नहीं है। बुधवार को मानवाधिकार आयोग के वकील सुबीर सान्याल ने कहा कि रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद भी कई शिकायतें मिलीं, इनमें से 16 ऐसे मामले हैं जहां पुलिस या क्षेत्र के नेता अपनी शिकायतें छोड़ने की धमकी दे रहे हैं। मैं इस पर अतिरिक्त रिपोर्ट देना चाहूंगा, लेकिन बेंच ने अनुमति नहीं दी।


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