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घर छोड़कर फुटपाथ में रहने लगी थीं पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की साली, पूछताछ में इरा बसु ने खुद किया खुलासा

बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की साली इरा बसु अपना अच्छा-खासा घर छोड़कर फुटपाथ पर क्यों रह रही हैं इसका उन्होंने खुद खुलासा किया है। इरा ने बताया कि उन्हें कुछ लोगों ने उन्हें डराया-धमकाया था इसलिए वह साल्टलेक स्थित घर छोड़कर फुटपाथ पर आकर रहने लगी थीं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 07:26 PM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 07:26 PM (IST)
घर छोड़कर फुटपाथ में रहने लगी थीं पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की साली, पूछताछ में इरा बसु ने खुद किया खुलासा
फुटपाथ में रहने लगी थीं पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की साली

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की साली इरा बसु अपना अच्छा-खासा घर छोड़कर फुटपाथ पर क्यों रह रही हैं, इसका उन्होंने खुद खुलासा किया है। इरा ने बताया कि उन्हें कुछ लोगों ने उन्हें डराया-धमकाया था इसलिए वह साल्टलेक स्थित घर छोड़कर फुटपाथ पर आकर रहने लगी थीं। मीरा ने हालांकि इस बात का खुलासा नहीं किया कि उन्हें किन लोगों ने किसलिए डराया था। इरा अभी भी खुद को माकपा समर्थक बताती हैं, हालांकि उनका बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी पर भी अटूट विश्वास है।

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इरा को हाल में मानसिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन वह स्वेच्छा से वहां से खड़दह लौट आईं। इरा ने कहा कि खड़दह के एक डाक्टर से वह पिछले 30 वर्षों से अपना इलाज कराती आ रही हैं। आगे भी उन्हीं से इलाज कराएंगी और उनके कहने पर अस्पताल में भी भर्ती हो जाएंगी। इरा ने बताया कि उन्हें चलने-फिरने में तकलीफ हो रही है। कुछ अन्य शारीरिक समस्याएं भी हैं।

इरा ने इससे पहले कहा था कि कोलकाता के साल्टलेक इलाके में स्थित उनके घर में तीन बार डकैती हो चुकी है इसलिए वह वहां जाना नहीं चाहतीं। साल्टलेक में उनकी मौसी का भी घर है, जहां कुछ दिन बाद वह जाएंगी। इरा सरकारी सुविधाएं लेने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अपनी जमा पूंजी से ही वह अपना बाकी जीवन बिताना चाहती हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले इरा के दो साल से फुटपाथ पर गुजर-बसर करने की बात सामने आई थी। वह मानसिक रूप से बीमार बताई जा रही हैं।

इरा को अतीत में बुद्धदेव भट्टाचार्य की कई सभाओं में देखा गया है। वह खड़दह के प्रियनाथ बालिका विद्यालय में जीवन विज्ञान की शिक्षिका थीं। 1976 से 2009 तक उन्होंने वहां अध्यापन किया। सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें पीएफ के रुपये मिले थे, हालांकि जरूरी कागजात जमा नहीं कर पाने के कारण अब तक उनका पेंशन शुरू नहीं हो पाया है। 72 साल की इरा से जीजाजी बुद्धदेव भट्टाचार्य व बहन मीरा भट्टाचार्य के बारे में पूछने पर वह नाराज होकर कहती हैं कि उनसे उनका कोई रिश्ता नहीं है।

फुटपाथ पर रहने के बावजूद इरा ने कभी किसी से भीख नहीं मांगी। वह चाय तक अपने पैसे से खरीद कर पीती हैं। और तो और, वह कई दुकानदारों को अपने पैसे से बिरयानी भी खिलाती हैं। एक होटल से रोजाना अपने लिए भात, दाल, सब्जी खरीदकर ले जाती हैं। कोई अगर उन्हें खाना देता है तो लेने से मना कर देती हैं। इरा का अपना बैंक अकाउंट भी है, जिससे वह समय-समय पर अपनी जरुरत के हिसाब से रुपये निकालती है।


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