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बांग्लादेश से तस्करी कर लाए गए विदेशी पक्षियों के बड़े रैकेट का भंडाफोड़, 22 दुर्लभ पक्षी बरामद

राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) की कोलकाता जोनल यूनिट ने वन्यजीव तस्करी के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 22 दुर्लभ विदेशी पक्षी बरामद किए हैं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 07:36 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 07:36 PM (IST)
बांग्लादेश से तस्करी कर लाए गए विदेशी पक्षियों के बड़े रैकेट का भंडाफोड़, 22 दुर्लभ पक्षी बरामद
बांग्लादेश से तस्करी कर लाए गए विदेशी पक्षियों के बड़े रैकेट का भंडाफोड़, 22 दुर्लभ पक्षी बरामद

राज्य ब्यूरो, कोलकाता! राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) की कोलकाता जोनल यूनिट ने वन्यजीव तस्करी के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 22 दुर्लभ विदेशी पक्षी बरामद किए हैं। जब्त पक्षियों में हयासिंथ मकाउ तोता भी शामिल है। डीआरआइ ने सोमवार को एक बयान जारी कर बताया कि इन दुर्लभ पक्षियों को बांग्लादेश से तस्करी करके उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव के रास्ते भारत लाया गया था। कोलकाता से इन पक्षियों को बेंगलुरु लेकर जाना था, लेकिन कोलकाता हवाई अड्डे से डीआरआइ की टीम ने इसे जब्त कर लिया। जब्त किए गए इन दुर्लभ पक्षियों में तोते की कई प्रजातियां शामिल है। तस्करी के संबंध में डीआरआइ द्वारा कोलकाता के दो शिक्षित वर्ग के युवाओं को भी गिरफ्तार किया गया है जिनकी उम्र 30 से कम है। 

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बताया गया कि तस्करी कर लाए गए इन पक्षियों को अंतरराष्ट्रीय संधि के तहत संरक्षण प्राप्त है। डीआरआइ ने इन पक्षियों को कोलकाता के अलीपुर चिड़ियाघर को सौंप दिया है। डीआरआइ के मुताबिक नशीले पदार्थ, नकली सामान और मानव तस्करी के बाद अवैध रूप से वन्यजीवों की तस्करी का धंधा दुनिया में चौथा सबसे बड़ा संगठित अपराध है। वक्तव्य में कहा गया कि पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्व भारत के बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा से सटे होने के कारण इन इलाकों में वन्यजीव तस्करों को आने- जाने का रास्ता मिल जाता है। 

डीआरआइ का कहना है कि वन्यजीव अपराधों के खिलाफ लड़ाई में तेजी लाने की जरूरत है। इन अपराधों से पर्यावरण, समाज और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है। कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में जीवों से फैलने वाले रोगों के प्रसार की आशंका न केवल भारत बल्कि विश्व के लिए चिंता का विषय है।


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