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प. बंगाल में इस साल शुरू होंगे पांच नए मेडिकल कॉलेज, 4 और मेडिकल कॉलेजों की स्थापना

इस साल पश्चिम बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों में पांच नए मेडिकल कॉलेजों में पठन-पाठन और चिकित्सा शुरू हो जाएगी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 12:49 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 12:49 PM (IST)
प. बंगाल में इस साल शुरू होंगे पांच नए मेडिकल कॉलेज, 4 और मेडिकल कॉलेजों की स्थापना
प. बंगाल में इस साल शुरू होंगे पांच नए मेडिकल कॉलेज, 4 और मेडिकल कॉलेजों की स्थापना

जागरण संवाददाता, कोलकाता। इस साल पश्चिम बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों में पांच नए मेडिकल कॉलेजों में पठन-पाठन और चिकित्सा शुरू हो जाएगी। गुरुवार को राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई हैं। विभाग की ओर से बताया गया है कि चूंकि मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्य के स्वास्थ्य विभाग भी ममता बनर्जी के पास ही है।

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राज्य भर में अधिक से अधिक मेडिकल की सीटें बढ़ाने और लोगों की चिकित्सकीय सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए उनके द्वारा 2016 में घोषित पांच मेडिकल कॉलेजों को इस साल चालू किया जाएगा। परिणामस्वरूप, 500 नई मेडिकल सीटें बढ़ेंगी। विभाग की ओर से बताया गया है कि राज्य सरकार द्वारा शुरू किए जाने वाले यह पांचों मेडिकल कॉलेज क्रमशः दक्षिण 24 परगना के डायमंड हार्बर, पुरुलिया, बीरभूम के रामपुरहाट, उत्तर दिनाजपुर के रायगंज और कूचबिहार में स्थित हैं।

इन मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए कुल 500 सीटें होंगी जबकि रोगियों के लिए प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में न्यूनतम 300 और अधिकतम 500 बेड होंगे। देश में मेडिकल कॉलेजों के लिए नियामक संस्था मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (‍एमसीआई) की एक टीम ने हाल ही में बुनियादी ढांचे का आकलन करने के लिए अस्पतालों का दौरा किया।

मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया की टीम ने राज्य सरकार द्वारा विकसित किए गए मूलभूत ढांचे को संतोषजनक बताया है और जल्द से जल्द इसे चालू करने की सहमति भी दी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जल्द ही चार अन्य मेडिकल कॉलेजों - झाड़ग्राम, पूर्व मेदिनीपुर के तमलुक, उत्तर 24 परगना के बारासात और हुगली जिले के आरामबाग में निर्माण के लिए निविदाएं निकाली जाएंगी। इस प्रकार, चार अन्य जिलों - झाड़ग्राम, पूर्व मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना और हुगली में भी मेडिकल कॉलेज स्थापित हो जाएंगे।

विभाग की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की यह महत्वाकांक्षी परियोजना रही है कि राज्य के प्रत्येक जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज हों। इसी लक्ष्य के साथ धीरे-धीरे मेडिकल कॉलेजों को स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। अधिक से अधिक डॉक्टर बनाने के अलावा, इन मेडिकल कॉलेजों के जरिए लोगों को अधिक से अधिक चिकित्सक के सुविधाएं भी मिलेंगी।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल सरकार के अधीन सरकारी अस्पतालों में पहले से ही, मुफ्त बेड, उचित मूल्य वाली दवाओं और नैदानिक ​​परीक्षणों, सुपरस्पेशलिटी सेवाओं और कई अन्य सुविधाओं को विकसित किया गया है इसकी वजह से पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में देश में अग्रणी राज्य के रूप में उभर कर सामने आया है। इसके अलावा कई नर्सिंग स्कूल भी स्थापित किए गए हैं, और नर्सिंग पाठ्यक्रम भी स्थापित किए गए हैं। 


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