Move to Jagran APP

अब सांतरागाछी झील में मृत मिली सैकड़ों मछलियां, घर ले गए लोग

- जल में आक्सीजन की कमी को बताया जा रहा कारण - जल के विषाक्त होने की भी जताई जा रही आशंक

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Apr 2019 11:45 PM (IST)Updated: Mon, 01 Apr 2019 11:45 PM (IST)
अब सांतरागाछी झील में मृत मिली 
सैकड़ों मछलियां, घर ले गए लोग
अब सांतरागाछी झील में मृत मिली सैकड़ों मछलियां, घर ले गए लोग

- जल में आक्सीजन की कमी को बताया जा रहा कारण

loksabha election banner

- जल के विषाक्त होने की भी जताई जा रही आशंका

जागरण संवाददाता, हावड़ा : बोटानिकल गार्डेन के बाद अब सांतरागाछी झील। प्रवासी पक्षियों के शीतकालीन आवास के रूप में मशहूर सांतरागाछी झील में मछलियों के मरने का मामला सामने आया है। सोमवार की सुबह स्थानीय लोगों में एक पल के लिए आतंक का माहौल व्याप्त हो गया था। सांतरागाछी झील के पानी में अचानक उठी हलचल को देख लोगों ने यह सोचा कि भूमि कंपन हो रहा है। हालांकि अगले ही पल सच्चाई सामने आ गई। असल में झील के जल में मछलियों की अतिरिक्त सक्रियता के कारण पानी में तेज हलचल देखने को मिला। देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में मृत मछलियां जल के सतह पर आ गईं।

सतह पर मृत मछलियों को देख लोग उनपर टूट पड़े। झील के पानी में कमर भर घुसकर मृत मछलियों को पकड़कर घर ले जाने लगे। प्राथमिक तौर पर माना जा रहा है कि झील के जल में आक्सीजन की कमी के कारण मछलियां मरी हैं। वहीं एक यह भी कहा जा रहा है कि बदमाश तत्वों द्वारा बड़े भू-भाग पर फैली झील के पानी में विषाक्त रसायन मिला देने से भी मछलियां मर सकती हैं।

इस बारे में पर्यावरणविद् सुभाष दत्ता ने कहा कि प्राथमिक तौर पर यह कहा जा सकता है कि आक्सीजन की कमी के कारण मछलियां मरी हैं। उन्होंने कहा कि असल में विशाल भू-भाग पर फैली इस झील की नियमित सफाई नहीं होती है। परिणामस्वरूप लगभग पूरे झील पर जलकुंभी का कब्जा है। इस सूरत में झील के पानी में आक्सीजन की मात्रा कम होनी तय है। इससे सैकड़ों की संख्या में मछलियां मरी हैं। हालांकि जल के विषाक्त होने की आशंका को भी उन्होंने खारिज नहीं किया है। उन्होंने इन मछलियों के सेवन को सेहत के लिए खतरनाक बताते हुए लोगों से ऐसा नहीं करने का अनुरोध किया है। कहा, बगैर पानी की जांच के इन मछलियों का सेवन नहीं करना चाहिए। दत्ता ने झील की नियमित सफाई को लेकर उदासीन रवैया अपनाए जाने पर रेल और हावड़ा नगर निगम को कठघरे में खड़ा किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.