गिरफ्तार कर लोकतंत्र नहीं किया जा सकता कायम : फिरहाद
लोकतंत्र में कोई समर्थन तो कोई विरोध में रहता है। हमें दोनों परिस्थितियों को स्वीकार चाहिए। हमें कहीं जाने से रोककर या गिरफ्तार करवाकर लोकतंत्र कायम नहीं किया जा सकता।
जागरण न्यूज नेटवर्क, कोलकाता : लोकतंत्र में कोई समर्थन तो कोई विरोध में रहता है। हमें दोनों परिस्थितियों को स्वीकार चाहिए। हमें कहीं जाने से रोककर या गिरफ्तार करवाकर लोकतंत्र कायम नहीं किया जा सकता। ये बातें शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने गुवाहाटी में तृणमूल कांग्रेस के राज्य कार्यालय के उद्घाटन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कही। इस दौरान उन्होंने महंगाई और अन्य नीतियों को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना की। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल असम में एनआरसी मुद्दे को लेकर अपनी पैठ और आंदोलन को मजबूत करना चाह रही है। इसी कारण गुवाहाटी में पार्टी राज्य कमेटी के कार्यालय का उद्घाटन किया गया। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के निर्देश पर असम में प्रदेश तृणमूल कांग्रेस की जो 11 सदस्यीय कार्यकारी कमेटी है, उसकी समय सीमा दो माह और बढ़ा दी गई है। वर्तमान में उक्त कमेटी में असम के पूर्व मंत्री गोपीनाथ दास और पूर्व विधायक मकबुल हुसैन के साथ ही संतोष चौधरी, जलील तालुकदार, गोपी बरुआ, शंकर दे और गिरिंदर सैकिया शामिल हैं। गुरुवार को मदरसा बोर्ड के पूर्व निदेशक अब्दुल कुवैम आलामिन, पूर्व विधायक यूसुफ अली और शाहिद मजुमदार तृणमूल में शामिल हुए। केंद्र एनआरसी मुद्दे के प्रतिवाद में मुख्यमंत्री एवं तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के निर्देश पर पार्टी का एक प्रतिनिधिदल असम पहुंचा था, जिसमें फिरहाद हकीम, सुखेंदु शेखर राय, काकोली घोष दस्तीदार, अर्पिता घोष, ममता बाला ठाकुर और महुआ मैत्र शामिल थे। असम सरकार के निर्देश पर सभी को एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया गया था। बाद में सभी को वहीं से वापस बंगाल भेज दिया गया था।