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Tarun Majumdar Death: मशहूर बांग्ला फिल्म निर्देशक तरुण मजूमदार का निधन, सीएम ममता बनर्जी ने जताया दुख

Tarun Majumdar passed away 14 जून से सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती थे1990 में पद्म श्री प्राप्त करने वाले मजूमदार के नाम पांच फिल्मफेयर पुरस्कार हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत फिल्म जगत की जानी-मानी हस्तियों ने मजूमदार के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 04 Jul 2022 12:44 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jul 2022 12:44 PM (IST)
Tarun Majumdar Death: मशहूर बांग्ला फिल्म निर्देशक तरुण मजूमदार का निधन, सीएम ममता बनर्जी ने जताया दुख
मशहूर बांग्ला फिल्म निर्देशक तरुण मजूमदार का कोलकाता में निधन

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। मशहूर बांग्ला फिल्म निर्देशक तरुण मजूमदार का सोमवार को कोलकाता में निधन हो गया। मजूमदार (91) को गुर्दे से संबंधित बीमारियां थीं और उन्हें 14 जून से सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कल से ही वह वेंटीलेशन पर थे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत फिल्म जगत की जानी-मानी हस्तियों ने मजूमदार के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

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1990 में पद्म श्री प्राप्त करने वाले मजूमदार के नाम पांच फिल्मफेयर पुरस्कार हैं। उनकी उल्लेखनीय रचनाओं में स्मृति तुकु ठक (1960), पलटक (1963) और गणदेवता (1978) हैं। उन्होंने बालिका बधू (1976), कुहेली (1971), श्रीमन पृथ्वीराज (1972) और दादर कीर्ति (1980) जैसी मशहूर फिल्मों का भी निर्देशन किया है।

मजूमदार का जन्म ब्रिटिश भारत में हुआ था। उनके पिता बीरेंद्रनाथ मजूमदार एक स्वतंत्रता सेनानी थे। हालांकि केमिस्ट्री के छात्र, युवा मजूमदार को फिल्में बनाने का शौक था। उन्होंने सचिन मुखर्जी और दिलीप मुखर्जी के साथ मिलकर ‘जात्रिक’ नाम की एक टीम बनाई और फिल्मों का निर्देशन शुरू किया। तिनमूर्ति की पहली फिल्म ‘चावा पावा’ है। नायक और नायिका उत्तम कुमार और सुचित्रा सेन थे। ‘जात्रिक’ के निर्देशन में ‘ग्लास पैराडाइज’ का निर्माण हुआ। फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था।

मजूमदार 1975 में ‘जात्रिक’ से निकले। उस साल उन्होंने दो फिल्में बनाईं, ‘अलोर पिपासा’ और ‘एकतुकु वलबासा’। इसके बाद से डायरेक्टर ने एक के बाद एक फिल्में दी हैं। उस लिस्ट में ‘बालिका बधू’, ‘कुहेली’, ‘श्रीमन पृथ्वीराज’, ‘फुलेश्वरी’, ‘दादर कीर्ति’, ‘अपान अमर अपान’, ‘गणदेवता’, ‘आलो’ जैसी फिल्में शामिल हैं। निर्देशक के पास पांच राष्ट्रीय पुरस्कार हैं। उन्हें पद्मश्री से नवाजा जा चुका है। तरुण मजूमदार को 1962 की बंगाली फिल्म कांचर स्वर्ग के लिए पहला राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

तरुण की फिल्मों की बात करें तो उन्होंने बालिका बधू (1967), कुहेली (1971), श्रीमन पृथ्वीराज (1973), फुलेश्वरी (1974), दादर कीर्ति (1980), भालोबासा (1985) और अपान अमर अपान (1990) जैसी बेहतरीन फिल्में दी हैं।


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