बंगाल की सीमा से बांग्लादेश में दो दिनों से निर्यात पूरी तरह बंद, मामले में दखल दें मुख्यमंत्री
बांग्लादेशी व्यापारियों और उनके कर्मचारियों की ओर से जारी विरोध-प्रदर्शन के चलते पेट्रापोल सीमा से एक बार फिर बांग्लादेश को पिछले दो दिनों से भारत से कोई निर्यात नहीं हो रहा है।
राज्य ब्यूरो,कोलकाताः बांग्लादेश भारत का खास दोस्त रहा है, लेकिन व्यापार के मोर्चे पर पिछले कुछ दिनों से यहां सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। बंगाल के पेट्रापोल बॉर्डर से भारत और बांग्लादेश का बड़े पैमाने पर आयात-निर्यात होता है। बांग्लादेशी व्यापारियों और उनके कर्मचारियों की ओर से जारी विरोध-प्रदर्शन के चलते पेट्रापोल सीमा से एक बार फिर बांग्लादेश को पिछले दो दिनों से भारत से कोई निर्यात नहीं हो रहा है। बांग्लादेशी व्यापारी बुधवार से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके कारण गुरुवार व शुक्रवार को बांग्लादेश में एक भी ट्रकों की आवाजाही नहीं हो सकी। भारत से निर्यात का विरोध कर रहे बांग्लादेशी व्यापारियों का कहना है कि जब तक भारत बांग्लादेश से आयात की मंजूरी नहीं देता है, वे भारत से निर्यात की अनुमति नहीं देंगे।
विरोध प्रदर्शन करने वालों ने भारतीय ट्रकों के प्रवेश को बुधवार को कई घंटों तक रोके रखा। उन्होंने दावा किया किया कि जब तक भारत आयात की अनुमति नहीं देता है सीमा बंद रहेगी। इसके चलते दो दिनों से दोनों तरफ सैकड़ों ट्रक खड़े हैं और सामान बर्बाद हो रहा है।भारतीय निर्यातकों के महासंघ फियो के पूर्वी क्षेत्र के चेयरमैन सुशील पटवारी ने कहा कि गुरुवार व शुक्रवार को भारत से पेट्रापोल के जरिये कोई निर्यात नहीं हुआ। उन्होंने मामले में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हस्तक्षेप करने की मांग की।
इधर, बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के वरिष्ठ अधिकारी ने भी बताया कि गुरुवार से बंद ट्रकों की आवाजाही शुक्रवार को भी शुरू नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि अब जिला प्रशासन आगे क्या निर्णय लेता है उसके बाद ही यह शुरू होगी। दरअसल, भारत सरकार ने 7 जून को भारतीय व्यापारियों को बांग्लादेश में निर्यात की मंजूरी दी थी। हालांकि एक महीने के करीब होने को आए हैं, बांग्लादेश से आयात की मंजूरी अभी तक नहीं दी गई है। विरोध कर रहे बांग्लादेशी व्यापारियों का कहना है कि हम जो सामान भारत से आयात करते हैं उसे तैयार कर वापस निर्यात भी करते हैं। लेकिन भारत द्वारा आयात बंद करने से हमारा काफी नुकसान हो रहा है। पेट्रोपोल-बेनापोल के जरिए दोनों देश के बीच सालाना करीब 35 हजार करोड़ रुपये का व्यापार होता है।