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West Bengal: निगम चुनाव के तहत ईवीएम की जांच प्रक्रिया शुरू, अधिसूचना जारी किए जाने को लेकर काफी चर्चा

निगम चुनाव में भी ईवीएम के परीक्षण का काम शुरू हो चुका है। दूसरी तरफ अब नगर निगम के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी किए जाने को लेकर काफी चर्चा चल रही है। आयोग सूत्रों का कहना है कि जिलाधिकारियों को ईवीएम जांच के लिए पत्र भेजा जा चुका था।

By Priti JhaEdited By: Published: Thu, 04 Nov 2021 07:34 AM (IST)Updated: Thu, 04 Nov 2021 07:36 AM (IST)
West Bengal: निगम चुनाव के तहत ईवीएम की जांच प्रक्रिया शुरू, अधिसूचना जारी किए जाने को लेकर काफी चर्चा
निगम चुनाव में भी ईवीएम के परीक्षण का काम शुरू हो चुका है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ईवीएम पर आपत्ति जताई थी। उस दौरान उन्होंने दावा किया था कि वोट में धांधली ईवीएम के जरिए की गई है। यहां तक ​​कि उन्होंने ईवीएम को हटाकर मतदान प्रक्रिया में बैलेट पेपर से वापस कराने की मांग कर डाली थी। चूंकि नगर निगम के वोट की जिम्मेदारी राज्य चुनाव आयोग के हाथों में होती है, इसलिए उम्मीद की जा रही थी कि चुनाव पूर्व मतपत्र (बैलेट पेपर) वापस प्रक्रिया में आ सकता है।

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हालांकि सूत्रों के मुताबिक निगम चुनाव में भी ईवीएम के परीक्षण का काम शुरू हो चुका है। दूसरी तरफ अब नगर निगम के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी किए जाने को लेकर काफी चर्चा चल रही है। आयोग सूत्रों का कहना है कि जिलाधिकारियों को ईवीएम जांच के लिए पत्र भेजा जा चुका था। सूत्रों की मानें तो कोलकाता और हावड़ा में शहर और शहरी विकास विभाग ने राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखकर 19 दिसंबर को चुनाव कराने की मांग की है। सूत्रों की मानें तो जल्द ही राज्य सरकार की ओर से पत्र भेजा जा रहा है।

दूसरी तरफ चुनाव की तैयारी में ईवीएम की जांच के लिए जिलाधिकारियों को पहले ही पत्र भेजा जा चुका है। बताया गया है कि पिछले शनिवार से ईवीएम जांच का काम शुरू हो गया है। इस वोट में एम-2 टाइप की ईवीएम का इस्तेमाल किया जाएगा। आमतौर पर चुनाव आयोग एम-3 प्रकार की ईवीएम का उपयोग करता है और राज्य चुनाव आयोग एम-2 प्रकार की ईवीएम का उपयोग करता है।

गौरतलब है कि ममता सरकार 19 दिसंबर को कोलकाता और हावड़ा नगर निगम के लिए चुनाव कराने को तैयार है। शहरी विकास विभाग ने इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र भी भेजा है। सूत्रों के मुताबिक आयोग ने राज्य के प्रस्ताव पर सहमति जताई है। यदि स्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं होता है तो राज्य चुनाव आयोग मतदान के लिए तैयार है।

दूसरे शब्दों में, गंगा के पूर्व और पश्चिम के दो बड़े और प्राचीन शहरों में अगले महीनेचुनाव हो सकता है। खबर, कालीपूजा और भैयादूज के बाद आयोग की ओर से कोलकाता और हावड़ा नगर निगम के लिए चुनाव कराए जाने की अधिसूचना जारी हो सकती है। कोलकाता के 144 और हावड़ा के 66 सीटों के लिए ईवीएम से वोट डाले जाएंगे। राज्य सरकार की मर्जी के मुताबिक 22 दिसंबर को मतगणना हो सकती है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने मांग की है कि दोनों नगर निगमों के चुनाव केंद्रीय बलों की तैनाती ने हो, नहीं तो तृणमूल वोट लूटेगी।

मजदूमदार ने कहा कि यदि निष्पक्ष, निर्बाद और शांतिपूर्ण मतदान हुआ तो दोनों नगर निकायों पर भाजपा को जीत मिलेगी। लेकिन केवल ये दो नगर निगम में ही चुनाव क्यों?' राज्य सरकार उन नगर पालिकाओं में चरणबद्ध तरीके से चुनाव करना चाहती है। नवान्न जनवरी में 3-4 चरणों में राज्य की शेष नगर पालिकाओं में चुनाव कराने का प्रस्ताव आयोग को दे सकता है।

उल्लेखनीय है कि इस समय राज्य में 114 नगर निकायों में एक साल से अधिक समय से चुनाव नहीं हुआ है और वहां तृणमूल कांग्रेस के प्रशासक काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद इस बात के संकेत दिए थे कि त्योहारी सीजन खत्म होते ही नगर निगम के चुनाव कराए जाएंगे। नियम के मुताबिक राज्य सरकार नगरपालिका और पंचायत चुनाव की तारीख तय करती है. इसके बाद राज्य चुनाव आयोग के परामर्श से तिथि को अंतिम रूप दिया जाता है। 


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