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एम्फन राहत राशि घोटाले में तृणमूल कांग्रेस ने अपनी पार्टी के तीन और नेताओं को किया निलंबित

तीन दिन पहले तृणमूल ने पूर्व मेदिनीपुर जिले में एक साथ 25 नेताओं को पार्टी से निलंबित कर दिया था। हुगली और उत्तर 24 परगना जिले में भी कुछ नेताओं पर पार्टी स्तर से कार्रवाई की गई है

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 07:38 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 07:38 PM (IST)
एम्फन राहत राशि घोटाले में तृणमूल कांग्रेस ने अपनी पार्टी के तीन और नेताओं को किया निलंबित
एम्फन राहत राशि घोटाले में तृणमूल कांग्रेस ने अपनी पार्टी के तीन और नेताओं को किया निलंबित

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः  एम्फन राहत राशि घोटाले में तृणमूल कांग्रेस ने अपनी पार्टी के तीन और नेताओं को किया निलंबित किया है। तृणमूल नेताओं व कार्यकर्ताओं पर एम्फन तूफान से पीड़ितों को दी जाने वाली राहत राशि और सामग्री में घोटाला का आरोप विपक्षी दलों की ओर से बार-बार लगाए जा रहे हैं। हालांकि, विपक्षी दलों को जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि किसी भी भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा। उसी अनुसार जिन नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के आरोप लग रहे हैं उनमें से तीन और नेताओं को शुक्रवार को तृणमूल ने पार्टी से निलंबित कर दिया। 

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इससे तीन दिन पहले तृणमूल ने पूर्व मेदिनीपुर जिले में एक साथ 25 नेताओं को पार्टी से निलंबित कर दिया था। हुगली और उत्तर 24 परगना जिले में भी कुछ नेताओं पर पार्टी स्तर से कार्रवाई की गई है। परंतु,तृणमूल के इस कार्रवाई पर माकपा से लेकर भाजपा तक ने सवाल उठाते हुए इसे लोगों की आंखों में धूल झोंकने वाली कार्रवाई करार दिया है। माकपा नेता मोहम्मद सलीम का कहना है कि एक भी भ्रष्टाचारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई। यह सब सिर्फ दिखवा हो रहा है कि हम भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।शुक्रवार को तृणमूल ने हावड़ा के तीन नेताओं को निलंबित कर दिया। 

कुछ दिन पहले राज्य के मंत्री और हावड़ा जिले के तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष अरूप रॉय ने पांच नेताओं को शोकाज किया था। इसके बाद अरूप रॉय ने कहा कि राहत राशि के भ्रष्टाचार में शामिल होने के कारण तीन नेताओं को निलंबित किया गया है। बताते चलें कि विपक्षी दलों का यह आरोप कि यह सिर्फ निलंबन का खेल हो रहा है। इससे पहले कई एेसे नेता हैं जिन पर गंभीर आरोप लगे थे और उन्हें पार्टी से निलंबित किया गया था लेकिन बाद में जब चुनाव का समय आया तो निलंबन वापस ले लिया गया।


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