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Bengal Municipal Elections 2020: निकाय चुनाव खर्च के लिए आयोग ने राज्य से मांगे 175 करोड़ रुपये

Bengal Municipal Elections 2020. पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग अधिनियम 1994 की धारा 8 के तहत राज्य सरकार चुनाव तिथि तय करती है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 04:58 PM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 04:58 PM (IST)
Bengal Municipal Elections 2020: निकाय चुनाव खर्च के लिए आयोग ने राज्य से मांगे 175 करोड़ रुपये
Bengal Municipal Elections 2020: निकाय चुनाव खर्च के लिए आयोग ने राज्य से मांगे 175 करोड़ रुपये

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Bengal Municipal Elections 2020. बंगाल में निकाय चुनाव कराने पर 175 करोड़ रुपये खर्च होंगे। राज्य चुनाव आयोग ने राज्य सरकार अधीन नगर पालिका विभाग को रुपये आवंटित करने के लिए पत्र भेज दिया है। आयोग निकाय चुनाव की तैयारी तेज कर दी है। साथ ही, जिला अधिकारियों को जल्द से जल्द चुनाव तैयारी पूरी करने का निर्देश दिया है।

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वहीं, प्रशासन की ओर से मुख्यसचिव और जिला अधिकारियों को पुलिस अधीक्षक से संपर्क रखने का भी निर्देश दिया गया है। मतदान ईवीएम से हो या फिर बैलेट से, चुनाव में बहुत सारे सामान की आवश्यकता होती है। इसलिए अधिक रुपये की जरूरत है।

चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, लोकसभा वोटों का संपूर्ण खर्च केंद्र सरकार को वहन करना पड़ता है। विधानसभा चुनाव का खर्च राज्य सरकार, पंचायत चुनाव का पंचायत विभाग और निकाय चुनाव का नगर निगम मामलों के विभाग को खर्च होने वाली राशि का भुगतान करना पड़ता है। इस पत्र के साथ ही अब नगर पालिका विभाग को रुपये आयोग को भेजने का कार्य शुरू करना होगा। फिर इसे आयोग की ओर से जिलों के निर्वाचन अधिकारियों को फंड भेजा जाएगा। माना जा रहा है कि होली के बाद निकाय चुनाव की सरगर्मी तेज हो जाएगी और इसके बाद किसी भी दिन चुनाव तिथि घोषित हो सकती है।

पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग अधिनियम 1994 की धारा 8 के तहत राज्य सरकार चुनाव तिथि तय करती है। हालांकि,आयोग अधिसूचना जारी कर तिथि का एलान करता है। अधिसूचना जारी होने के 25 से 28 दिनों के भीतर किसी भी दिन मतदान कराया जा सकता है। उस गणना के अनुसार प्रबल संभावना है कि चुनाव प्रक्रिया 12 अप्रैल से शुरू हो सकती है। कोलकाता नगर निगम के वर्तमान बोर्ड का कार्यकाल सात मई 2020 तक है। क्योंकि, वर्तमान बोर्ड की पहली बैठक आठ मई 2015 को हुई थी। इसीलिए उससे पहले नए बोर्ड का गठन जरूरी है। कोलकाता नगर निगम के अलावा भी करीब 94 निकायों के बोर्ड की मियाद मई-जून पूरी हो जाएगी। इसलिए आवश्यक है कि चुनाव अप्रैल में संपन्न हो जाए। 

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